नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। नेपाल के अंदर कुछ बड़ा होने वाला है। राजा भी एक्टिव हैं और प्रजा भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। पीएम केपी ओली को तख्तापटल की आशंका है। ऐसे में ओली फिर से चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ जुबान से गोली चला रहे हैं। ओली ने भगवान श्रीराम के जन्म को लेकर बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि महर्षि वाल्मीकि रचित मूल रामायण के मुताबिक राम का जन्मस्थान नेपाली सीमा क्षेत्र में है। लोगों को इस बात को प्रचारित करने में डर या झिझक महसूस नहीं करनी चाहिए। नेपाल के लोग खुलकर बताएं कि हम भगवान श्रीराम के वंशज हैं। भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में नहीं बल्कि नेपाल में हैं। उन्होंने दावा किया है कि भगवान शिव और महर्षि विश्वामित्र भी नेपाल से हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर दोहराया है कि भगवान श्रीराम का जन्म नेपाल में हुआ था। उन्होंने काठमांडो में एक पार्टी कार्यक्रम में कहा कि राम का जन्मस्थान नेपाल सीमा क्षेत्र में है और यह सच्चाई प्रचारित करने में किसी को कोई झिझक या भय नहीं होना चाहिए। ओली ने दावा किया कि उनका यह कथन महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित मूल रामायण पर आधारित है। ओली ने कहा कि कोई ये कैसे कह सकता है कि राम का जन्म कहीं और हुआ। राम नेपाल के हैं। मैं ये नहीं कहता कि वो क्षेत्र तब भी नेपाल में था। यह कहां था, कहां नहीं था। क्या यह थारू गांव था। लेकिन अब वह क्षेत्र नेपाल में है। राम भगवान हैं या नहीं, यह आपकी आस्था है। लेकिन जो राम को भगवान मानते हैं, उनके लिए थारू पवित्र है। हमें इसका प्रचार करने में संकोच नहीं करना चाहिए। हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं।
ओली ने दावा किया पौराणिक कथाओं के कई अन्य प्रमुख पात्र भी नेपाल से ही हैं। उन्होंने कहा, भगवान शिव यहीं से हैं, विश्वामित्र यहीं से हैं। यह महर्षि वाल्मीकि की रामायण में लिखा है कि विश्वामित्र ने कहा राम कोसी नदी पार करके पश्चिम की ओर गए और लक्ष्मण को शिक्षा दी। यह सब नेपाल के सुनसरी जिले के वर्तमान क्षेत्र से जुड़ा है। विश्वामित्र चतरा के थे और यह रामायण में लिखा है। ओली के इस बयान के बाद नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर विद्रोह शुरू हो गया है। पार्टी के कई सदस्यों ने कहा था कि ऐसे बयानों से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। सोशल मीडिया में भी लोग पीएम ओली के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। नेपाली लोग भी ओली को चीन का चमचा बता रहे हैं। नेपाली लिख रहे हैं कि ओली चीन के इशारे पर भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं।
इससे पहले पीएम ओली ने 2020 में भी भगवान श्रीराम को लेकर विवादित बयान दिया था। ओली ने तब कहा था कि असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है और भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। ओली की टिप्पणी की निंदा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिजय सोनकर शास्त्री ने कहा था कि नेपाल में कम्युनिस्टों को जनता उसी तरह खारिज कर देगी, जिस तरह भारत में उन्हें खारिज किया गया है, जबकि भारत में वामपंथी दलों ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा था कि भगवान राम हमारे लिए आस्था का विषय हैं और लोग किसी को भी, चाहे वह नेपाल के प्रधानमंत्री हों या कोई और, इससे खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देंगे। नेपाल के अंदर तब ओली के खिलाफ जनता सड़क पर उतरी थी। नेपालियों ने ओली से रिजाइन मांगा था।