नित्यानंद और कैलासा को लेकर आप सबके मन में सवाल होगा कि नित्यानंद ये नाम आखिर क्यों चर्चा का विषय बना हुए है। चलिए आपको बताते हैं कि नित्यानंद कौंन हैं। नित्यानंद वह शख्स है, जिस पर भारत में दुष्कर्म के साथ ही कई मामले दर्ज हैं। वहीं, कैलासा उसका बनाया गया कथित हिंदू राष्ट्र है। ये दोनों नाम चर्चा में इसलिए हैं, क्योंकि कैलासा की एक प्रतिनिधि को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर देखा गया। जेनेवा में हुई इस मीटिंग में कैलासा की प्रतिनिधि ने भारत पर कई आरोप लगाए। मीटिंग के बाद कैलासा के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट की गई। उसमें कहा गया कि UN की एक महत्वपूर्ण बैठक में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा की तरफ से विजयप्रिया नित्यानंद शामिल हुई। कैलासा की वेबसाइट पर विजयप्रिया को UN में कैलासा का परमानेंट एम्बेसडर बताया गया है। इतना ही नहीं UN की इस बैठक में विजयप्रिया ने भारत पर प्रताड़ित करने का आरोप तक मढ़ दिया।
चलिए पहले आपको बतातें हैं कि नित्यानंद कौंन हैं
इसका असली नाम राजशेखर है और ये मूल रूप से तमिलनाडु के थिरुनामलाई का रहने वाला है। नित्यानंद इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा बटोर रहा है। बता दें नित्यानंद ने 12 लास की उम्र में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होने के दावा किया था। कहा था लकि वो दुनिया को रास्ता दिखाएगा लेकिन रेप का आरोप लगने के बाद साल 2019 में खुद नित्यानंद देश से फरार हो गया। देश से फरार होने के बाद नित्यानंद ने एक टापू खरीदा। टापू को अलग देश घोषित कर कैलासा नाम रख दिया। यहां तक कि उसने इसकी एक वेबसाइट भी बनाई, जिसमें कैलासा को हिंदू राष्ट्र बताया। इतना ही नहीं, खुद ही उस काल्पनिक देश का प्रधानमंत्री बन गया। कथित देष के झंडे पर खुद की तस्वीर सभी लगा दी। वहीं लोगों को कैलासा आने के लिए वीजा जारी करने का भी दावा करने लगा।
दुनिया के नक्शे पर नित्यानंद का “हिंदू राष्ट्र कैलासा” कहां
अब आपको बताते हैं कि आखिर दुनिया के नक्शे पर नित्यानंद का “हिंदू राष्ट्र कैलासा” आखिर हैं कहां? इसकी आबादी कितनी हैं और यहां कौन सा कानून चलता है? वहीं एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, भगोड़े नित्यानंद का देश कैलासा दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में स्तित हैं, यहां उसने जमीन खरीदी और अपना देश घोषित कर दिया। भारत से इस देश की दूरी करीब 17 से 18 हजार किलोमिटर दूर हैं। आबादी की बात करें तो कैलासा की वेबसाइट जनसंख्या को लेकर एक अजीब सा दावा करती हैं। उनका दावा है कि हिंदू धर्म को मनाने वाले 200 करोड़ लोग उनके देश के नागरिक हैं और इसमें 1 करोड़ लोग आदि शिव को मानने वाले हैं।
कैलासा में 20 लाख अप्रवासी हिंदू रहते हैं
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में विजयप्रिया ने दावा किया था कि कैलासा में 20 लाख अप्रवासी हिंदू रहते हैं और देशों में कैलासा ने एम्बंसी और एनजीओ खोले हुए हैं। इस देश का एक मात्र धर्म हिंदू है और इसमें संस्कृत, तमिल और अंग्रेजी भाषाएं चलती हैं। कैलासा में चलने वाले कानून की बात करें तो इनका दावा है कि यहां शास्त्रों और मनुस्मृति पर आधारित कानून चलता है. यहां रहने वाले लोग मनु के नियमों को मानते हैं. कैलासा की सरकार इसे ही सबसे जरूरी और आथिकारिक धर्म शास्त्र मानती है। वेबसाइट के मुताबिक इस किताब के जरिए ही डेढ़ हजार साल पहले प्राचीन भारत में नियम और कानून का पालन किया जाता था।