भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ किसानों ने तहसील परिसर में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था। लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी किसानों से बात तक करने नही पहुंचा। किसानों का कहना है कि आधिकारियों ने तहसील में दलालों को रखा है, जिससे भ्रष्टाचार हो रहा है। वहीं अधिकारी आईजीआरएस में भी गलत रिपोर्ट लगा रहे है। शिकायत के बाद भी कोई मामले में संज्ञान नहीं ले रहे है।
किसानों की अंतिम आश… योगी आदित्य नाथ
वहीं बुधवार किसानों ने खून से चिट्टी लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजी है, जिसमें उन्होंने किसानों का दर्द बयां किया है। साथ ही सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई है। घाटमपुर तहसील परिसर में अनशन पर बैठे किसानों ने खून से चिट्ठी लिखकर कानपुर में भ्रष्टाचार चरम पर होने का आरोप लगाया। किसानों ने चिट्ठी में सीएम योगी को अंतिम आश बताया है।
किसान क्यों है किसान
बता दें कि तहसील के भ्रष्टाचारी कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन कई दिनों से अनशन पर बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत फौजी, राजा सिंह, तहसील अध्यक्ष रोहित सिंह सेंगर, जिलाध्यक्ष रोहित सिंह, शैलेंद्र सिंह, जगदीश सहित एक सैकड़ों किसानों ने घाटमपुर तहसील परिसर में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि तहसील में तैनात हर लेखपाल के पास अपना एक दलाल है। जिसके चलते तहसील के कर्मचारी किसानों की बात नहीं सुनते। किसानों को अपनी समस्या अधिकारियों को बताने के लिए पहले दलालों से बात करनी पड़ती है। फिर दलाल किसानों की बात अधिकारियों तक पहुंचाते हैं।
किसानों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
जिसके चलते लेखपाल किसानों की बात नहीं सुनते। किसानों ने बताया कि देर रात आठ बजे उन्होंने तहसीलदार कोर्ट खुला हुआ देखा तो वह भी वहां पहुंच गए। इस समय वहां पर कुछ बाहरी लोग बैठे हुए थे। उनका कहना है कि कोई भी अधिकारी किसानों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा। जिससे चलते तहसील में भ्रष्टाचार हो रहा है।