ब्रेकिंग न्यूज़: Kanpur सीएमओ विवाद में बड़ा मोड़, डॉ. उदयनाथ की तैनाती रद्द, डॉ. हरिदत्त नेमी की वापसी की राह खुली

कानपुर सीएमओ पद को लेकर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल सामने आया है। 16 जुलाई 2025 को डॉ. उदयनाथ की नियुक्ति रद्द कर दी गई है, जबकि डॉ. हरिदत्त नेमी की संभावित वापसी की अटकलें तेज़ हो गई हैं।

Kanpur

Kanpur CMO dispute: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 16 जुलाई 2025 को बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) पद से डॉ. उदयनाथ की नियुक्ति को रद्द कर दिया। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब पूर्व सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी की कोर्ट में दायर अवमानना याचिका पर अगले दिन सुनवाई होनी है। डॉ. नेमी, जिन्हें जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से टकराव के बाद पद से हटाया गया था, अब कानूनी और राजनीतिक समर्थन के दम पर वापसी की दहलीज़ पर खड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 19 जून को जारी नियुक्ति आदेश को आज वापिस लेते हुए डॉ. उदयनाथ को श्रावस्ती भेज दिया गया है। यह घटनाक्रम कानपुर प्रशासनिक हलकों में भूचाल बनकर उभरा है।Image

आदेश रद्द: सरकार ने बदली रणनीति

Kanpur सीएमओ के पद पर 19 जून 2025 को नियुक्त किए गए डॉ. उदयनाथ को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने आज अचानक फैसला पलट दिया। विभाग ने उनका स्थानांतरण रद्द कर दिया और उन्हें पुनः श्रावस्ती में योगदान देने को कहा गया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब सोशल मीडिया पर डॉ. हरिदत्त नेमी की बहाली की चर्चाएं तेज़ थीं। सूत्रों की मानें तो कोर्ट में 17 जुलाई को होने वाली अवमानना याचिका की सुनवाई से पहले सरकार किसी भी सख्त टिप्पणी से बचना चाहती थी, इसलिए यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया।

कानूनी और राजनीतिक दबाव में झुका प्रशासन

Kanpur  पूर्व सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को जून में डीएम से टकराव के बाद निलंबित कर दिया गया था। हालांकि उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर न केवल निलंबन को चुनौती दी, बल्कि विभाग पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका भी दाखिल की। इस याचिका की सुनवाई 17 जुलाई को प्रस्तावित है। वहीं, स्थानीय भाजपा विधायकों और चिकित्सक संघों ने भी डॉ. नेमी के समर्थन में मोर्चा खोल दिया था। इन दबावों के बीच सरकार ने डॉ. उदयनाथ की नियुक्ति वापिस लेकर मामले को फिलहाल शांत करने की कोशिश की है।

डीएम बनाम सीएमओ: प्रशासनिक टकराव की परतें

यह पूरा विवाद केवल दो अधिकारियों के बीच का टकराव नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में गहराते सत्ता संघर्ष का प्रतीक बन चुका है। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और डॉ. नेमी के बीच लंबे समय से सामंजस्य की कमी रही है। डीएम ने उन पर कई कार्यों में लापरवाही और प्रक्रियात्मक अनियमितताओं के आरोप लगाए, जबकि डॉ. नेमी ने इसे साजिश बताया। विभाग ने शुरुआत में डीएम की बात को आधार बनाकर कार्रवाई की, लेकिन अब न्यायपालिका के दबाव और बढ़ते राजनीतिक समर्थन ने तस्वीर को उलट दिया है।

अदालत की अगली सुनवाई पर टिकीं निगाहें

16 जुलाई की दोपहर तक Kanpur मेडिकल प्रशासन में घमासान मचा रहा। डॉ. उदयनाथ की रवानगी और डॉ. नेमी की वापसी की संभावना ने इसे संवेदनशील बना दिया है। अब सबकी निगाहें 17 जुलाई की अदालत की सुनवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि कानपुर का अगला सीएमओ कौन होगा। यह मामला एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा करता है कि क्या नौकरशाही स्वतंत्र है या फिर राजनीतिक और कानूनी दबावों की कठपुतली बनती जा रही है?

(नोट: यह रिपोर्ट उपलब्ध जानकारी और मीडिया स्रोतों पर आधारित है। आगे की घटनाओं के लिए आधिकारिक अपडेट्स का इंतजार करें।)

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