E-Office Revolution: यूपी के फतेहपुर जिले में सरकारी दफ्तरों में तकनीकी क्रांति का आगाज़ हो गया है। कलेक्ट्रेट और विकास भवन में ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने के साथ ही पेपरलेस कार्य प्रणाली का दौर शुरू हो रहा है। इस नई व्यवस्था में फाइलों को डिजिटल माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाएगा। अब सरकारी दफ्तरों में फाइलों का ढेर नजर नहीं आएगा और 72 घंटों के भीतर फाइलों को अग्रसारित करना अनिवार्य होगा। इसमें किसी भी प्रकार की देरी के लिए जवाबदेही तय होगी। डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए फाइलें आगे बढ़ाई जाएंगी, जिससे बाबुओं की उगाही का खेल समाप्त हो जाएगा। इस पहल से पारदर्शिता और कार्यप्रणाली में तेजी की उम्मीद है।
E-Office Revolution का विस्तार
फतेहपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा कलेक्ट्रेट में नेटवर्किंग का कार्य भी सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। विकास भवन में यह कार्य जनवरी तक पूरा होने की योजना है। अभी तक डीएम कार्यालय, एडीएम कार्यालय, एलबीसी, सीआरए, नजारत, और कंबाइंड कार्यालय में 40% काम ई-ऑफिस प्रणाली के तहत शुरू हो चुका है।
कैसे काम करेगी प्रणाली
E-Office Revolution में हर पटल पर कंप्यूटर लगाए गए हैं। प्रत्येक लिपिक और विभागाध्यक्ष की ई-आइडी बनाई गई है। फाइलें डिजिटल रूप में तैयार करके संबंधित विभागाध्यक्ष को भेजी जाएंगी। फाइल पर हस्ताक्षर डिजिटल माध्यम से होंगे, और अग्रसारण का समय स्वतः दर्ज होगा। किसी भी फाइल को 72 घंटे से अधिक रोके जाने पर विलंब का कारण दर्ज होगा, और जवाबदेही तय होगी।
पारदर्शिता और गति पर जोर
मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना ने बताया कि कलेक्ट्रेट और विकास भवन को चरणबद्ध तरीके से पेपरलेस प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करेगी। इससे न केवल कर्मचारियों की मनमानी पर रोक लगेगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी नियंत्रण होगा।
जनवरी 2025 से फतेहपुर में कलेक्ट्रेट और विकास भवन पूरी तरह पेपरलेस हो जाएंगे। यह व्यवस्था प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी। ई-ऑफिस प्रणाली से सरकार की जवाबदेही और नागरिकों की संतुष्टि दोनों में सुधार होने की उम्मीद है।