नई दिल्ली: इस्माइल हानिया की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है। इस वक्त इजराइल (Israel) और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है, सिर्फ एक चिंगारी दोनों देशों के बीच कभी भी युद्ध करा सकती है। इजराइल को सपोर्ट करने वाले अमेरिका ने तो लड़ाकू विमानों और वॉरशिप को तैनात भी कर दिया है, लेकिन ईरान कब और कैसे हमला करेगा या करेगा भी या नहीं इस बात की अभी कोई सटीक जानकारी नहीं मिली है।
दोनों देशों के बीच कभी भी युद्ध छिड़ने की इस स्थिति के बीच यमन के हूती विद्रोही दल के लीडर अब्दुल मलिक अल-हूती का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है, इजराइल (Israel) के खिलाफ एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस के साथ समन्वय करेंगे। इसके बाद इजराइल को जवाब देने के लिए कोई भी फैसला एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस मिलकर तय करेगा।
इस नए नाम को सुनकर लोगों के सामने अब ये सवाल तेजी से उठने लगा है कि आखिर एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस ग्रुप है क्या ? आपको बता दें, 80 के दशक में ईरान ने मिडिल ईस्ट के देशों में अपना दबदबा बनाने के लिए कु प्रॉक्सी संगठनों के तैयार किया था। इस गुट में ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स IRGC की अहम भूमिका है। अगर ये गुट मिलकर इजराइल पर हमला करता है तो उसके लिए काफी स्थितियां काफी मुश्किल हो जाएंगी।
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इस गुट में लेबनान में हमास, यमन में हूती विद्रोही, फिलिस्तीन में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और इराक और सीरीया के विद्रोही संगठन आते हैं। ये सभी ईरान के बहुत बड़े समर्थक हैं।