Shardiya Navratri : शारदीय नवरात्रि Navratri हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व रखने वाला पर्व है, जिसे देशभर में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है और इसका समापन 11 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा के साथ होगा। यह नौ दिनों का पर्व देवी दुर्गा की आराधना और शक्ति की उपासना का प्रतीक है।
नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से शक्ति की देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना को समर्पित होता है। हर दिन माता के एक स्वरूप की पूजा की जाती है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि आध्यात्मिक शांति और मन की शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले भक्त दुर्गा चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
Navratri में दुर्गा चालीसा का महत्व
दुर्गा चालीसा माता दुर्गा के 40 पदों का एक स्तोत्र है, जिसमें माता के विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने से मन को असीम शांति मिलती है और भक्त की हर प्रकार की परेशानियों का नाश होता है। धार्मिक मान्यता है कि दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं, और उसे शक्ति, धैर्य और समर्पण प्राप्त होता है।
पूजा की विधि
नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा विधि विशेष होती है। इसमें घट स्थापना, कलश पूजन और माता की आरती प्रमुख हैं। सुबह और शाम को माता के मंदिर में या घर पर दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही, मां के नौ रूपों की पूजा क्रमवार की जाती है। पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है और अंतिम दिन नवमी को मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।
नवरात्रि का यह पर्व भक्ति, साधना और उपवास का प्रतीक है। यह समय शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। जो लोग नवरात्रि में सच्चे मन से माता की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता, शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़ें ; बेसन के साथ अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, स्किन होगी दमकती और निखरी