Lucknow Murder: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक जघन्य घटना सामने आई है, जहाँ ऑनलाइन गेमिंग की लत और कर्ज़ के बोझ तले दबे एक बेटे ने पैसों के लिए अपनी ही मां की बेरहमी से हत्या कर दी। बाबूखेड़ा यादव गांव में 45 वर्षीय रेनू यादव की उनके मंझले बेटे निखिल ने इस कदर तड़पाकर जान ली कि सुन कर रूह कांप जाए। हत्या का कारण सिर्फ़ इतना था कि मां ने उसे घर में चोरी करते और पहले से चुराए गए मंगलसूत्र के लिए डांटा था।
Lucknow पुलिस ने तीन दिन बाद आरोपी निखिल को फ़तेहपुर से गिरफ़्तार कर लिया है। Lucknow पुलिस के खुलासे के अनुसार, निखिल ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म ‘एविएटर’ का आदी था और जुए में हज़ारों रुपये हार चुका था। कर्ज़दारों के दबाव और मां की टोका-टाकी से आक्रोशित होकर उसने इस ख़ौफ़नाक वारदात को अंजाम दिया। यह घटना दिखाती है कि कैसे गेमिंग की लत युवाओं को अपराध की खाई में धकेल सकती है।
मोबाइल बच्चों के लिए घातक नहीं खतरनाक होता जा रहा है…
लखनऊ में पीजीआई के बाबू खेड़ा में रेनू यादव की हत्या में पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा।
रेनू यादव की हत्या खुद उसके छोटे बेटे निखिल यादव ने की थी
पुलिस ने बीए के छात्र आरोपी बेटे निखिल को किया गिरफ्तार
ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर… pic.twitter.com/s1DxVW1bLg— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) October 6, 2025
पेचकस से वार और सिलेंडर से सिर कुचल कर हत्या
Lucknow पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बिना किसी पछतावे के अपना अपराध कबूल किया। Lucknow पुलिस के मुताबिक, घटना उस समय हुई जब रेनू ने दोपहर करीब ढाई बजे निखिल को घर में चोरी करते पकड़ लिया। निखिल पहले ही मां का मंगलसूत्र चुरा चुका था। मां ने उसे डांटा और मंगलसूत्र वापस ले लिया। मां की यह बात कि “पापा को आने दो,” सुनते ही निखिल भड़क गया।
गुस्से में उसने अलमारी से पेचकस निकाला और मां की गर्दन पर ताबड़तोड़ वार किए। मां चीखती-गिड़गिड़ाती रही, लेकिन बेटे का दिल नहीं पसीजा। उसने चीखें बाहर न जाएं, इसलिए टीवी का वॉल्यूम तेज़ कर दिया। जब रेनू बेहोश हो गईं, तो निखिल ने पास रखा खाली सिलेंडर उठाया और उनके सिर पर तीन बार ज़ोर से वार किया, जिससे रेनू ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद, वह घर के गहने और मंगलसूत्र बैग में भरे और पिता की बाइक लेकर फ़रार हो गया।
ऑनलाइन गेमिंग की लत बनी हत्या की मुख्य वजह
जांच में सामने आया है कि 24 वर्षीय निखिल ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘एविएटर’ का आदी था। वह tirangagamee.games के ज़रिए सट्टेबाज़ी करता था और इस लत में उसने लगभग 24,000 रुपये गंवा दिए थे। इस भारी नुकसान की भरपाई के लिए उसने कई लोन ऐप्स जैसे MPOKKET, FLASH WALLET और RAM Fincorp से क़रीब 29,600 रुपये का कर्ज़ लिया था। इन ऐप्स की ऊँची ब्याज दरें और वसूली का लगातार दबाव उसे मानसिक तनाव दे रहा था। साइबर थाना इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स जानबूझकर इस तरह डिज़ाइन किए जाते हैं कि खिलाड़ी लंबे समय तक इनके जाल में फंसे रहें। जीतने की चाह में युवा चोरी और उधार लेने जैसे ग़लत काम करने लगते हैं।
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गेमिंग की लत से बचने के लिए विशेषज्ञ की सलाह
यह घटना गेमिंग की लत के गंभीर परिणामों की ओर इशारा करती है। साइबर थाना इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने माता-पिता और युवाओं को इस लत से बचने के लिए निम्नलिखित सलाह दी है:
- बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखें: माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के मोबाइल और कंप्यूटर के उपयोग के समय और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर लगातार नज़र रखें।
- गेमिंग के खतरों के बारे में जागरूक करें: बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े वित्तीय, मानसिक और सामाजिक खतरों के बारे में बताएं। उन्हें समझाएँ कि ये ऐप्स सट्टेबाज़ी को बढ़ावा देते हैं।
- समय सीमा तय करें: गेम खेलने के लिए कठोर समय सीमा निर्धारित करें और इसका सख़्ती से पालन कराएँ।
- अन्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करें: बच्चों को शारीरिक खेल, रचनात्मक शौक, या परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने जैसी अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।
- पेशेवर मदद लें: यदि लत नियंत्रण से बाहर हो रही है, तो किसी प्रशिक्षित मनोचिकित्सक या काउंसलर से तुरंत मदद लें। लत एक बीमारी है, जिसे पेशेवर सहायता से ठीक किया जा सकता है।