Fake IAS Officer: राजधानी में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ बेनकाब, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, लग्जरी गाड़ियां और नकली दस्तावेज बरामद

लखनऊ पुलिस ने मऊ निवासी सौरभ त्रिपाठी को फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उससे छह लग्जरी गाड़ियां, नकली दस्तावेज और पहचान पत्र बरामद हुए। पुलिस उसके राज्यभर में फैले नेटवर्क की जांच कर रही है।

Fake IAS Officer Arrested in Lucknow:लखनऊ की वजीरगंज थाना पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आईएएस अधिकारी बताकर लोगों को ठग रहा था। आरोपी का नाम सौरभ त्रिपाठी है और वह मऊ जिले का रहने वाला है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी 3 सितंबर 2025 को की और उसके पास से भारी मात्रा में नकली दस्तावेज और लग्जरी गाड़ियां बरामद कीं।

ऐसे हुआ पर्दाफाश

पुलिस टीम कारगिल शहीद पार्क के पास वाहनों की नियमित चेकिंग कर रही थी। तभी एक संदिग्ध कार (UP 16 DP 2828) को रोका गया। कार में बैठे सौरभ त्रिपाठी ने खुद को आईएएस अधिकारी बताते हुए पुलिस को डराने की कोशिश की। उसने फर्जी परिचय पत्र और विजिटिंग कार्ड दिखाए। शक होने पर जब कागजों की जांच की गई, तो सब नकली निकले। गाड़ी में लाल-नीली बत्ती भी पाई गई, जो गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल की जा रही थी।

पूछताछ में खुली पोल

पहले तो सौरभ ने बड़े अधिकारियों का नाम लेकर पुलिस पर दबाव डालने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर सच सामने आ गया। उसने कबूल किया कि वह फर्जी आईएएस बनकर कई राज्यों में लोगों को ठग चुका है और सरकारी सुविधाओं का फायदा उठा चुका है।

राज्यों में फैला नेटवर्क

जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी सचिवालय पास, नकली पहचान पत्र और एनआईसी की नकली ईमेल आईडी का इस्तेमाल करता था। इन दस्तावेजों के सहारे उसने कई जगह ठगी की और लोगों से पैसा ऐंठा। पुलिस को शक है कि उसका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हो सकता है।

लग्जरी गाड़ियां और नकली दस्तावेज बरामद

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी से डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा समेत छह लग्जरी गाड़ियां बरामद कीं। इसके अलावा नकदी, लैपटॉप, मोबाइल, पेन ड्राइव, बैंक कार्ड, आधार कार्ड, फर्जी पास, ड्राइविंग लाइसेंस, लाल-नीली बत्ती और कई नकली दस्तावेज भी जब्त किए गए।

कानूनी शिकंजा

पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी पर धोखाधड़ी और आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि उसने कितने लोगों को ठगा, कितनी रकम ऐंठी और इसमें और कौन-कौन शामिल है।

नतीजा

यह गिरफ्तारी एक बड़े फर्जीवाड़े के जाल को उजागर करती है। फर्जी आईएएस बनकर लोगों को ठगने वाले इस आरोपी ने न सिर्फ सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग किया, बल्कि आम लोगों को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की तहकीकात में जुटी है।

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