Lucknow News: लखनऊ के चकगंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में अगले सत्र से परास्नातक पाठ्यक्रम (PG Courses) शुरू किए जाएंगे। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्धता मिलने के बाद संस्थान ने चार विषयों में पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति के लिए शासन को पत्र भेज दिया है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की होगी तैयारी
कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान को मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट की तर्ज पर विकसित किया गया है। यहां एमसीएच न्यूरो सर्जरी, एमडी रेडियोथेरेपी, डीएम सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और एमसीएच सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। ये सभी तीन वर्षीय डिग्री कोर्स होंगे। शुरुआत में प्रत्येक विषय में दो से तीन सीटें मिल सकती हैं। इन पाठ्यक्रमों से न केवल विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार होंगे बल्कि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं भी मिलेंगी।
लाइब्रेरी और सुविधाओं का विस्तार
संस्थान में पढ़ाई के बेहतर माहौल के लिए लाइब्रेरी की शुरुआत हो चुकी है। इसमें पाठ्यक्रम से जुड़ी किताबें और जरनल्स उपलब्ध कराने के लिए शासन से बजट की मांग की गई है। इससे मेडिकल स्टूडेंट्स को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और रिसर्च सामग्री मिल सकेगी।
शिक्षकों की भारी कमी
कैंसर संस्थान में शिक्षकों के कुल 121 पद हैं, लेकिन अभी केवल 23 पद भरे गए हैं, जबकि 98 पद खाली पड़े हैं। न्यूक्लियर मेडिसिन, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडियोलॉजी विभाग में एक भी शिक्षक नहीं है। इस वजह से शिक्षण कार्य और चिकित्सा सेवाएं पूरी क्षमता से नहीं चल पा रही हैं।
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रिक्त पदों पर नियुक्ति के प्रयास
संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि जिन विषयों में मानक के अनुसार छह शिक्षक उपलब्ध हैं, उनमें पीजी कोर्स शुरू किए जाएंगे। साथ ही, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाएगा ताकि रिक्त पदों को जल्द भरा जा सके। संस्थान का लक्ष्य है कि पर्याप्त स्टाफ के साथ मरीजों को बेहतर सेवाएं दी जाएं और राज्य सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरा जाए।कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में जल्द ही चार नए पीजी कोर्स शुरू होंगे। इससे विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। वहीं, शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।