UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ अब विजिलेंस जांच भी शुरू कर दी गई है। यह जांच उनकी विभिन्न तैनाती के दौरान जुटाई गई संपत्तियों और अवैध रूप से अर्जित धन की पड़ताल करेगी।
संपत्तियों की होगी जांच
शासन ने विजिलेंस टीम को बरेली, पीलीभीत, हमीरपुर और लखनऊ में अभिषेक प्रकाश की तैनाती के दौरान अर्जित संपत्तियों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि लखनऊ के जिलाधिकारी रहते हुए वह लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष भी थे। ऐसे में LDA में उनके कार्यकाल के दौरान हुए लेन-देन की भी जांच की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के सीईओ और 2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों में गुरुवार को निलंबित कर दिया। इस मामले में शामिल एक बिचौलिया निकंत जैन को भी गिरफ्तार किया गया है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
एक सौर उद्योग के निवेशक ने सरकार से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि बिचौलिए निकंत जैन ने अभिषेक प्रकाश के नाम पर परियोजना की मंजूरी के लिए रिश्वत की मांग की। निकंत जैन को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया और विजिलेंस जांच के आदेश दिए।
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बिचौलिया निकंत जैन गिरफ्तार
पुलिस रिकॉर्ड (UP News) के अनुसार निकंत जैन पहले भी धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों में शामिल रहा है। मेरठ, लखनऊ और एटा में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। वह ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अधिकारियों की मदद से उद्योगपतियों से रिश्वत मांगता था। इस मामले में भी उसने एक उद्योगपति से परियोजना मंजूरी के लिए 5% कमीशन की मांग की थी।
निकंत जैन का खेल कैसे हुआ उजागर?
एक औद्योगिक समूह ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के माध्यम से सौर निर्माण इकाई लगाने का आवेदन किया। एक अधिकारी ने आवेदक को निकंत जैन से संपर्क करने के लिए कहा। निकंत ने कहा कि अगर मंजूरी चाहिए तो 5% कमीशन (रिश्वत) देना होगा। उद्योगपति ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो निकंत ने उसे धमकी दी कि बिना पैसे दिए उसकी परियोजना आगे नहीं बढ़ेगी।
सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश सरकार (UP News) ने यह सुनिश्चित किया है कि निवेश परियोजना को किसी भी अनावश्यक देरी के बिना मंजूरी दी जाएगी। सरकार की इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्या भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए यह कार्रवाई पर्याप्त है?