नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से निलंबित कर दिया है. अब विशेषाधिकारी समिति जब तक उनके खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश नहीं करती, तब तक के लिए उनको लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है. बाद में अधीर रंजन चौधरी ने उसी बात को दोहराया, जिसके लिए उनको निलंबित किया गया, कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा प्रधानमंत्री का अपमान करना नहीं बल्कि मैने धृतराष्ट्र और द्रौपदी का उदाहरण दिया था.
अधीर रंजन चौधरी ने की थी ये टिप्पणी
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सदन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए INDIA गठबंधन के पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था. इस दौरान कांग्रेस नेता ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि, हस्तिनापुर में या फिर मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ जो कुछ भी हुआ, उसको लेकर राजा को अपनी आंखें नहीं मूंदनी चाहिए. नरेंद्र मोदी नीरव मोदी बनकर चुपचाप बैठे हुए हैं. संसद में मणिपुर के सांसदों को बीजेपी ने बोलने का मौक नहीं दिया.
खरगे ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
बता दें कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबित होने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अलोकतांत्रित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि ये सरकार के अहंकार को दर्शाता है. ऐसा करना देश के संविधान और संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ बहुत ही घातक सिद्ध होगी. खरगे ने आगे बोला कि, ‘अधीर रंजन चौधरी ने सिर्फ नीरव मोदी कहा था, जिसमें नीरव का अर्थ शांत और मौन है. इस बात पर आपने उनको निलंबित कैसे कर दिया.’
अविश्वास प्रस्ताव के आखिरी दिन पीएम बोलें
गौरतलब है कि संसद में विपक्षी गठबंधन INDIA के द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआती 8 अगस्त को हुई. तीन दिनों तक चली अविश्वास प्रस्ताव पर कुल 18 घंटे चर्चा हुई. पक्ष और विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया. अंत में प्रधानमंत्री मोदी बोले.