ये तो आपने सुना ही होगा कि दो के झगड़े में तीसरे को नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि गेहूं के साथ घुन तो पिसता ही है। ऐसा ही कुछ यूपी के मेरठ में देखने को मिला। जहां दो पक्षों के बीच के झगड़े को सुलझाने आए कामिल और रईसुद्दीन को अपनी ही जान बचा कर भागना पड़ा।
हमलावरों से कैसे उसझा शोरूम मालिक
दरअसल मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र के पिलोखड़ी पुल पर ई-रिक्शा चालक से कुछ युवक जबरन ई-रिक्शा को डासना ले जाने के लिए बोल रहा था। जबकि रिक्शा चालक मना कर रहा था। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया।
वहीं पास में ही सदीक नगर के रहने वाले कामिल और रईसुद्दीन का ब्रांडेड धमाका सेल के नाम से कपड़े का शोरूम है। कामिल और रईसुद्दीन दो पक्षों को झगड़ता देखकर बीच-बचाव कराने पहुंचे। उन्होंने बीच-बचाव कराने की कोशिश की लेकिन इस दौरान वह हमलावर इमरान और सारिक से उलझ गए। जिसके बाद कामिल और रईसुद्दीन के ऊपर हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी।
जान बचा कर भागा शोरूम मालिक
जिसके बाद कामिल और रईसुद्दीन अपने शोरूम में भागे और किसी तरह उन्होंने अपनी जान बचाई। वहीं गोली कामिल और रईसुद्दीन के शोरूम में लगे शीशे के गेट में जा लगी। जबकि एक गोली गोली दीवार में जा लगी। इसके बाद कामिल और रईसुद्दीन ने पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान एक हमलावर को पुलिस ने पकड़ लिया। जबकि चार हमलावर मौके से फरार होने में कामयाब रहे। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि जल्दी बाकी हमलावरों को भी पकड़ लिया जाएगा