Meerut Temple Case: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बिहार निवासी एक युवक कासिम ने खुद को कृष्ण बताकर पिछले एक साल से दादरी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-पाठ कर रहा था। ग्रामीणों के शक और पूछताछ के बाद उसकी असली पहचान सामने आई। पता चला कि कासिम के पिता बिहार के सीतामढ़ी जिले में मौलवी हैं। आरोपी ने न सिर्फ मंदिर में रहकर पूजा-अर्चना की, बल्कि खुद को कृष्ण नाम से आधार कार्ड सत्यापन में भी पेश किया। शिवरात्रि के मौके पर भंडारे में पहुंचे इस युवक को ग्रामीणों ने चोरी के शक में पकड़ा और सच्चाई उजागर होने पर पुलिस के हवाले कर दिया। अब खुफिया एजेंसियां भी इस केस की जांच में जुट गई हैं।
कृष्ण बनकर मंदिर में रहने लगा था कासिम
Meerut के दौराला थाना क्षेत्र स्थित दादरी गांव में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर में एक साल पहले एक युवक ने खुद को “कृष्ण पुत्र संतोष, निवासी दिल्ली” बताकर पुजारी के रूप में रहने की अनुमति मांगी। उस समय मंदिर में कोई स्थायी पुजारी नहीं था, इसलिए ग्रामीणों ने उसे रहने और पूजा करने की अनुमति दे दी। इसके बाद वह लगातार पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में जुट गया।
कुछ समय बाद ग्रामीणों को युवक की गतिविधियों पर शक हुआ। जब उन्होंने उससे आधार कार्ड मांगा, तो वह 15 दिन के लिए गायब हो गया और लौटकर फिर से मंदिर में पूजा करने लगा। बाद में हस्तरेखा देखने को लेकर उसकी ग्रामीणों से कहासुनी हो गई, जिसके बाद वह फिर गायब हो गया था।
शिवरात्रि पर भंडारे में आया और पकड़ा गया
बुधवार को शिवरात्रि के मौके पर मंदिर में भंडारे का आयोजन चल रहा था, तभी वह युवक फिर मंदिर में आ पहुंचा और वहां रखे कुछ सामान निकालने लगा। ग्रामीणों ने उस पर चोरी का आरोप लगाया और पहचान को लेकर सवाल उठाए। जब शक बढ़ा, तो कुछ ग्रामीणों ने उसकी धोती खींचकर उसकी पहचान सार्वजनिक कर दी। पुलिस को बुलाकर उसे गिरफ्तार कराया गया।
पूछताछ में उसने अपना असली नाम कासिम बताया और कहा कि वह बिहार के सीतामढ़ी जिले के कोली रायपुर गांव का रहने वाला है। उसके पिता मोहम्मद अब्बास एक मौलवी हैं।
कासिम ने कहा: मैंने हिंदू धर्म अपना लिया है
गिरफ्तारी के समय कासिम ने दावा किया कि उसने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है और कई वर्षों से मंदिरों व संतों के साथ रहकर पूजा-पाठ करता रहा है। उसने यह भी बताया कि दिल्ली के मंदिरों में रहकर उसने मंत्रों का उच्चारण सीखा और “कृष्ण” नाम अपने हाथ पर गोदवा लिया।
पुलिस पूछताछ में उसने 20 साल पहले उत्तर प्रदेश आने की बात भी कबूली है। उसने दिल्ली और मेरठ के कई मंदिरों में पुजारी के रूप में काम किया। हालांकि उसके पास कोई आधार कार्ड नहीं मिला, जिससे पुलिस ने उसकी असल पहचान की जांच फिंगरप्रिंट के ज़रिए करने का निर्णय लिया है।
खुफिया एजेंसियां और पुलिस जांच में जुटी
Meerut पुलिस ने आरोपी कासिम पर धोखाधड़ी और धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज किया है। दौराला इंस्पेक्टर सुमन कुमार सिंह ने बताया कि बिहार पुलिस को सूचना भेज दी गई है और उसकी पृष्ठभूमि की जांच करवाई जा रही है।
खुफिया विभाग की टीम भी अब इस पूरे मामले की तह में जाने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि कासिम सत्यापन के समय भी लगातार अपना नाम कृष्ण बताता रहा, इसलिए पहले कोई शक नहीं हुआ। अब यह मामला सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से संवेदनशील होता जा रहा है, जिस पर उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।