Delhi stampede: शनिवार रात करीब 10 बजे दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की जान चली गई और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा हरिद्वार में महाकुंभ मेले के लिए जाने वाली भारी भीड़ के कारण हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्टेशन पर अचानक भगदड़ मच गई और हालात बेकाबू हो गए। ‘जो गिरा, वो दबता गया’ – इस भयावह दृश्य ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं जताईं। पीएम मोदी ने हादसे के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल जाने का फैसला किया, जहां घायलों का इलाज चल रहा है।
पीएम मोदी ने जताया दुख, उठे सुरक्षा सवाल
इस दर्दनाक Delhi stampede हादसे के बाद पीएम मोदी ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि वह इस त्रासदी से बेहद “दुखी” हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पीएम मोदी रविवार को घायलों का हालचाल जानने के लिए सीधे RML अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों और डॉक्टरों से मुलाकात की।
घटना के तुरंत बाद, घायलों को लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल और अन्य स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया। यह हादसा रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करता है। खासकर धार्मिक आयोजनों के दौरान ऐसे हालात बार-बार देखने को मिलते हैं, जिससे प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
रेलवे ने किया मुआवजे का ऐलान, जांच के आदेश
इस भयावह Delhi stampede हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने का फैसला किया है। यह समिति भगदड़ के कारणों की जांच करेगी और जिम्मेदारी तय करेगी। रेलवे ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। हालांकि, इस तरह की त्रासदियों में किसी भी आर्थिक सहायता से जान की क्षति की भरपाई नहीं हो सकती।
भविष्य के लिए सबक, सुरक्षा को लेकर सख्ती जरूरी
इस घटना Delhi stampede ने देश के सार्वजनिक सुरक्षा इंतजामों की खामियों को उजागर कर दिया है। हरिद्वार महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों से पहले भीड़ नियंत्रण की बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत है। रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। पीएम मोदी के अस्पताल दौरे और सरकार की तत्परता से यह साफ है कि प्रशासन अब भीड़ नियंत्रण की दिशा में नए सिरे से काम करेगा।