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हिजाब विवाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई, फैसला आने तक शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक

हिजाब विवाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई, फैसला आने तक शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक

बेंगलुरु: हिजाब विवाद को लेकर सुनवाई कर रही कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार14 फरवरी 2022 तक के लिए टाल दी है। कर्नाटक हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गुरुवार10 फरवरी की सुनवाई के दौरान मामले में अंतरिम आदेश देते हुए फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी है। मार्च 2022 में राज्य बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं और विवाद के कारण अभी पूरे प्रदेश में स्कूल-कॉलेज बंद हैं। इससे विद्यार्थियों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं कि क्या हिजाब पहनना मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है और क्या धार्मिक क्रियाकलापों के आधार पर हिजाब पहनना अनिवार्य है? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मीडिया को कही-सुनी बातों को रिपोर्ट नहीं करने की हिदायत भी दी। पीठ ने कहा कि मामले में अंतिम फैसले का इंतजार करना चाहिए।


गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि राज्य के कर्नाटक शिक्षा अधिनियम में स्कूल यूनिफॉर्म से संबंधित कोई विशेष प्रावधान नहीं है। हेगड़े ने अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि उनके समय में भी कोई यूनिफॉर्म नहीं थी। प्री कॉलेजों के लिए यूनिफॉर्म बहुत बाद में आई। इसके उल्लघंन के लिए दंड का भी कोई प्रावधान नहीं है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हेगड़े ने पीठ से कहा कि वह मामले में अंतरिम व्यवस्था करने के लिए अटॉर्नी जनरल के साथ बैठकर विचार-विमर्श करने के लिए तैयार हैं। वहीं, अन्य पक्षों की ओर से अधिवक्ता देवदत्त कामत और कालीश्वरम राज ने भी अंतरिम व्यवस्था करने की मांग पर सहमति जताई है।

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