भारत सरकार ने 16 यूट्यूब चैनलों को बैन किया: भारत-पाकिस्तान संबंधों और टेक-प्रोपगंडा पर नया सवाल

भारत सरकार ने 16 यूट्यूब चैनलों को बैन किया, जिनमें पाकिस्तानी चैनल प्रमुख हैं। इन चैनलों पर भारत विरोधी प्रोपगंडा फैलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप है, जिससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में और तनाव आ सकता है।

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India Ban YouTube channels: 27 अप्रैल 2025 को भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 16 यूट्यूब चैनलों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल प्रोपगंडा के खतरों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इन चैनलों पर कुल 63 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स थे, और इनमें से अधिकांश चैनल पाकिस्तान से संचालित थे। सरकार का दावा है कि ये चैनल भारत विरोधी प्रोपगंडा फैलाते थे और सामाजिक अशांति को बढ़ावा देते थे। इस फैसले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है, जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म्स अब सूचना युद्ध का अहम हिस्सा बन चुके हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा या डिजिटल सेंसरशिप?

India सरकार ने जिन 16 यूट्यूब चैनलों को बैन किया, उनमें से कई बड़े पाकिस्तानी समाचार चैनल शामिल थे, जिनमें समा टीवी, एआरवाई न्यूज़, और जियो न्यूज़ जैसे चैनल शामिल हैं। ये चैनल भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद, कश्मीर मुद्दे और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों पर एकतरफा और भ्रामक जानकारी प्रसारित करते रहे हैं। भारत सरकार का आरोप है कि इन चैनलों ने “राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली सामग्री” प्रसारित की थी। इन चैनलों के माध्यम से कई बार भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाले कंटेंट की भरमार रही है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की चुनौती?

यह प्रतिबंध India-पाकिस्तान के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बनाता है। हालांकि, यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा सकता है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है। क्या सरकार का यह कदम डिजिटल स्पेस में अपनी पकड़ को मजबूत करने का प्रयास है, या यह सच में प्रोपगंडा को रोकने के लिए उठाया गया कदम है? इसके साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि क्या सभी चैनल्स को एक समान प्रतिबंधित करना उचित है, खासकर जब चैनल्स की संख्या और उनकी पहुंच में बड़ा अंतर है।

दोनों देशों का डिजिटल युद्ध

टेक-प्रोपगंडा के जानकारों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को सूचना युद्ध का हथियार बना लिया है। जहाँ पाकिस्तान के चैनल्स भारत विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा देते हैं, वहीं भारतीय चैनल्स भी पाकिस्तान विरोधी कंटेंट को प्रमुखता देते हैं। यह एक डिजिटल युद्ध बन चुका है, जो पारंपरिक युद्ध से कहीं अधिक प्रभावी और विनाशकारी हो सकता है। भारत सरकार के इस कदम से यह साफ हो जाता है कि वह इस युद्ध में कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।

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चैनल्स पर बैन की सूची:

चैनल का नाम सब्सक्राइबर्स
डीएन न्यूज़ 1.96M
इरशाद भट्टी 827K
समा टीवी 12.7M
एआरवाई न्यूज़ 14.6M
बोल न्यूज़ 7.85M
रफ़्तार 804K
द पाकिस्तानी रेफ़रेंस 288K
जियो न्यूज़ 18.1M
समा स्पोर्ट्स 735K
जीएनएन 3.54M
उज़ैर क्रिकेट 288K
उमर चीमा एक्सक्लूसिव 125K
अस्मा शिराज़ी 133K
मुनीब फारूक 165K
सनो न्यूज़ एचडी 1.36M
रज़ी नामा 270K

डिजिटल नीति की आवश्यकता

यह घटनाक्रम हमें यह याद दिलाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स अब केवल मनोरंजन के स्रोत नहीं हैं, बल्कि ये देशों के बीच सूचना युद्ध का अहम हिस्सा बन चुके हैं। India सरकार को चाहिए कि वह इस तरह के कदमों के साथ-साथ एक पारदर्शी और स्पष्ट डिजिटल नीति भी बनाए, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बना रहे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें नागरिकों को सही और गलत जानकारी में फर्क करना सिखाना होगा, ताकि सूचना युद्ध में जीत हासिल की जा सके।

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