नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तान एक बात भूल गया कि अब मां भारती का सेवक मोदी यहां सीना तानकर खड़ा है। मोदी का दिमाग ठंडा है, ठंडा रहता है, लेकिन मोदी का लहू गर्म है। अब तो मोदी की नसों में लहू नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है। ये किसी फिल्म के डॉयलाग नहीं, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी के शब्द हैं, जो उन्होंने पाकिस्तान बार्डर से खड़े होकर बोले। जिसके बाद ‘मुल्ला मुनीर एंड बदमाश कंपनी’ दहशत में हैं। पाक आर्मी को दूसरी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का खौफ है। ‘नमो मिसाइल’ के नए प्रहार से पीसीसी के पैरों के तले से जमीन खिसक गई है।करोड़ों का नुकसान होने की आहट से पीसीबी खौफजदा है और वह यूएई के दर पर जाकर फरियाद की, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली।
इंडियन ने पीसीबी पर की सर्जिकल स्ट्राइक
पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर, जो अब फील्ड मार्शल बन गया है, ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि पीएम नरेंद्र मोदी उसकी रोजी-रोटी छीन लेंगे। मुल्ला मुनीर के मुल्क के अंदर ऐसा कहर बरपाएंगे कि वह कई सालों तक बारूदी मंजर को नहीं भूल पाएगा। हां पीएम नरेंद्र मोदी ने जो कहा था वह करके दिखा दिया। अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। सैकड़ों आतंकियों को 72 हूरों के पास भेज दिया। पाक के 11 एयीरबेस मिट्टी में मिला दिए। जिसके बाद पीएसएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। पीसीबी दोबारा पीएसएल के आगाज कराए जानें को लेकर हाथ-पांव चलाने शुरू कर दिए। लेकिन भारत ने पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।
नहीं मिलेगी हॉकआई और डीआरएस की तकनीक
भारत के साथ संघर्ष के बाद पीएसएल को फिर से शुरू करने में पीसीबी को अभी भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एक फ्रेंचाइजी के करीबी सूत्र के अनुसार, हॉकआई और डीआरएस तकनीक को संभालने वाली टीम पाकिस्तान वापस नहीं आई है। सूत्र ने कहा इसका मतलब है कि पीएसएल के आखिरी कुछ मैच बिना डीआरएस के ही पूरे होंगे, जो बोर्ड और टीमों के लिए एक बड़ा झटका है। सूत्र ने यह भी बताया कि डीआरएस उपलब्ध नहीं होगा क्योंकि ब्रॉडकास्टर में ज्यादातर भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि संघर्ष के कारण लीग को स्थगित किए जाने के बाद, ब्रॉडकास्टर के लिए काम करने वाले भारतीय नागरिक अपने घर चले गए और तनावपूर्ण स्थिति के कारण वापस नहीं आए। ऐसे में अब पीसीबी को डीआरएस की सुविधा नहीं मिलेगी। जानकार बताते हैं कि पीसीआई अब पीएसएल को आगे बढ़ा सकता है। सूत्र बताते हैं कि पीसीबी ने बीसीआई से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली।
पीएसएल छोड़ रहे विदेशी क्रिकेटर्स
इनसब के बीच पीसीबी ने पीएसएल के बाकी मैचों को यूएई में कराने की कोशिश की, लेकिन अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। वहीं कुछ खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए पीएसएल छोड़ दिया है, जिनमें मिचेल ओवेन्स और कुसल मेंडिस शामिल हैं। साथ ही इस्लामाबाद यूनाइटेड को भी एक बड़ा झटका लगा। उनके सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स भी घर वापस चले गए। सीधे शब्दों में कहें तो, भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ हुआ, उसका असर पीएसएल पर पड़ रहा है। सूत्र बताते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त भारतीय सेनाओं ने इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम रावलपिंडी पर द्रोन से हमला किया था। जिस दिन हमला हुआ, उसी दिन रावलपिंडी स्टेडियम में पीएसएल का मैच होना था। सूत्र बताते हैं कि हमले में रावलपिंडी स्टेडियम को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में अब इस स्टेडियम में एक साल तक कोई मैच नहीं हो सकता।
अब हॉकआई और डीआरएस तकनीक के बिना होंगे मैच
डीआरएस एक ऐसी तकनीक है जिससे पता चलता है कि अंपायर का फैसला सही था या नहीं। हॉकआई भी एक ऐसी ही तकनीक है। इन तकनीकों के बिना, अंपायरों के फैसलों पर सवाल उठ सकते हैं। एक सूत्र ने कहा, जिसका मतलब है कि पीएसएल के आखिरी कुछ मैच बिना किसी डीआरएस के पूरे होंगे, जो बोर्ड और टीमों के लिए एक बड़ा झटका है।’ इसका मतलब है कि टीमों को अब अंपायरों के फैसलों पर भरोसा करना होगा, भले ही उन्हें लगे कि वे गलत हैं। सूत्र ने यह भी कहा कि ब्रॉडकास्टर में ज्यादातर भारतीय नागरिक हैं, जो अब वापस नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि संघर्ष के बाद वे अपने घर चले गए। एक भारतीय ब्रॉडकास्टर ने कहा कि पाकिस्तान ने जिस तरह से पहलगाम में आतंकी हमला करवाया, ऐसे में हम आतंकी मुल्क नहीं जाएंगे। पाकिस्तान को आने वाले दिनों में क्रिकेट से अरबों का नुकसान होगा। टीवी प्रसारण में भी रूकावट आएगी। टीवी में भारतीय का दबदबा है।