IAF Exercise Near Border Amid Tensionभारतीय वायुसेना (IAF) का एक महत्वपूर्ण ऑपरेशनल अभ्यास 7 जून दोपहर 3:30 बजे से शुरू होगा और 8 जून रात 9:30 बजे तक चलेगा। यह अभ्यास अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक किया जा रहा है और इसका मकसद है वायुसेना की युद्ध तैयारियों को परखना। इस अभ्यास के दौरान, जिन इलाकों में फ्लाइंग ऑपरेशन होंगे, वहां का हवाई क्षेत्र सीमित रहेगा। यानी इस दौरान आम विमानों की आवाजाही पर रोक रहेगी ताकि वायुसेना की गतिविधियों में कोई रुकावट न हो।
तनाव के माहौल में अभ्यास
यह अभ्यास उस समय हो रहा है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ग्रुप “द रेसिस्टेंस फ्रंट” ने ली थी। इसके जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया, जिसमें PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) और पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसी के चलते यह अभ्यास और भी ज्यादा अहम हो गया है।
किन विमानों की होगी भागीदारी?
इस अभ्यास में कई तरह के फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान और सपोर्ट सिस्टम हिस्सा लेंगे, जैसे
राफेल फाइटर जेट
मिराज 2000
सुखोई-30 एमकेआई
निगरानी और कम्युनिकेशन एयरक्राफ्ट
अभ्यास दिन और रात दोनों समय चलेगा। इसका मकसद वायुसेना की तत्काल प्रतिक्रिया क्षमता, समन्वय और वास्तविक युद्ध जैसे हालात में काम करने की तैयारी को परखना है।
यह अभ्यास दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान के अधीन क्षेत्र में हो रहा है, जो भारत के पश्चिमी हिस्से में आता है और रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
हवाई क्षेत्र में रोक
भारत ने पहले ही 30 अप्रैल से 23 मई 2025 तक पाकिस्तान से जुड़े विमानों और सैन्य फ्लाइट्स के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था। बाद में इस पाबंदी को 23 जून 2025 तक बढ़ा दिया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों पर रोक लगा दी है।
इस प्रतिबंध और सैन्य अभ्यास के बीच साफ है कि दोनों देशों के बीच हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।