Cyber Alert: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस हमले के बाद, खुफिया एजेंसियों ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक प्रसिद्ध यूट्यूबर भी शामिल है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा था। इसलिए, अब भारत में सुरक्षा के लिहाज से सर्विलांस को और भी तेज कर दिया गया है।
किन शब्दों से बचें?
अगर आप फोन कॉल या मैसेज के जरिए संवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको मुश्किल में पड़ सकते हैं। देश में आतंकी हमले के बाद जो हालात बने हैं, ऐसे में खुफिया एजेंसियां जैसे इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और साइबर क्राइम सेल आम लोगों के फोन कॉल्स और इंटरनेट ट्रैफिक पर निगरानी रख रही हैं। अगर आप देश विरोधी या हिंसा से जुड़े या फिर आतंकवाद से जुड़े किसी तरह के शब्द का इस्तेमाल करते हैं, जैसे “हैकिंग”, “ब्लास्ट”, “आरडीएक्स”, “अटैक”, “बम” आदि, तो आप सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ सकते हैं।
क्या गिरफ्तारी हो सकती है?
अगर आप सामान्य बातचीत के दौरान मजाक में इस तरह के शब्दों का एक-दो बार इस्तेमाल करते हैं, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप बार-बार किसी खास जगह से बातचीत के दौरान इन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ सकते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आम नागरिकों की प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जाता है, लेकिन अगर कोई चीज राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है, तो संचार माध्यमों पर सरकार निगरानी रखती है। अगर आप बार-बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो पुलिस आपसे पूछताछ कर सकती है। हालांकि, गिरफ्तारी को लेकर ऐसे मामलों में सीधे तौर पर कोई प्रावधान नहीं है।
इनसे कैसे बचें?
सोच-समझकर शब्दों का चयन करें: फोन पर बातचीत करते समय ऐसे शब्दों से बचें जो सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आ सकते हैं।
मजाक में भी सावधानी बरतें: मजाक में भी संवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल न करें, खासकर जब आप किसी अनजान व्यक्ति से बात कर रहे हों।
संदिग्ध गतिविधियों से दूर रहें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि में शामिल न हों और अगर आपको किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।