नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कैंसर को लेकर बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने वीडिया के जरिए बताया है कि, उनकी पत्नी कैंसर से जूझ रही थीं। उन्होंने डाइट में नीम, हल्दी, नींबू और आंवले का सेवन किया। सिद्धू ने दावा किया कि इन देसी नुस्खों से उनकी पत्नी ने कैंसर को मात दी है और वह पूरी तरह से ठीक हो चुकी हैं।
कैंसर से ठीक हुई सिद्धू की पत्नी
पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ने की पत्नी स्तन कैंसर से जूझ रही थीं। अब वह पूरी से तरह से ठीक हो चुकी हैं। खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर दी है। सिद्धू ने खुलासा किया कि उनकी पत्नी नवजोत कौर ने एक संतुलित आहार और जीवनशैली में बदलाव कर केवल 40 दिनों के भीतर स्टेज-4 कैंसर पर काबू पा लिया। सिद्धू ने दावा किया कि पत्नी के कैंसर के इलाज में उन्हें कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ा। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पत्नी के आहार में हल्दी, नीम का पानी, सेब साइडर सिरका, नींबू पानी, चुकंदर, गाजर और पेठे के जूस को शामिल किया गया।
फैटी लीवर को ठीक करता है आहार
सिद्धू ने बताया कि चीनी और कार्बोहाइड्रेट से सख्त परहेज किया गया। पत्नी ने बीच-बीच में उपवास किया। उनका आखिरी भोजन शाम 6.30 बजे और पहला भोजन सुबह 10.30 बजे होता था। दिन के खाने की शुरुआत नींबू पानी से होती थी। उन्होंने कहा कि इसी आहार से उन्होंने खुद अपना 25 किलो वजन कम किया और अपने फैटी लीवर को ठीक किया। सिंद्धू ने कहा कि जो आहार कैसर के इलाज में लाभकारी है, वहीं आहार फैटी लीवर को भी ठीक करता है।
टाटा हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की अपील
सोशल मीडिया पर भी सिद्धू का ये बयान काफी वायरल हो रहा है। इसके बाद कैंसर के कई मरीज अपने डॉक्टरों से आयुर्वेद से इलाज शुरू कराने के बारे में पूछ रहे हैं। वहीं टाटा मेमेरियल कैंसर अस्पताल के 200 से ज्यादा डॉक्टरों ने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में डॉक्टरों ने कहा है कि पूर्व क्रिकेटर का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी पत्नी के स्तन कैंसर के इलाज के बारे में बता रहे हैं। वीडियो के कुछ हिस्सों में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर कैंसर का इलाज और हल्दी और नीम का सेवन करने से उनके कैंसर को ठीक करने में मदद मिली।
मेडिकल साइंस में कोई प्रमाण नहीं
डॉक्टरों ने कहा है कि पूर्व क्रिकेटर के इन दावों के बारे में मेडिकल साइंस में कोई प्रमाण नहीं है। इस तरह के आयुर्वेद के नुस्खों पर रिसर्च जारी है, लेकिन वर्तमान में कोई डेटा नहीं है जो कैंसर विरोधी एजेंट के रूप में हल्दी या नीम को फायदेमंद मानता है। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के दावों को सच न समझें। अगर उन्हें कैंसर के कोई लक्षण हों, तो डॉक्टर और कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लें। अगर समय रहते पता चल जाए तो कैंसर ठीक हो सकता है।
लेकिन इसके कोई स्पष्ट सबूत नहीं
गुरुग्राम के शाल्बी सनार इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा ने एब अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘श्रीमती सिद्धू को निदान के अनुसार सभी उपलब्ध उपचार मिले। सीमित मेटास्टेटिक साइटों वाले स्टेज-4 कैंसर को मौजूदा देखभाल के मानक से ठीक किया जा सकता है। कई अध्ययनों में कैंसर के इलाज या रोकथाम में करक्यूमिन (हल्दी में पाया जाने वाला एक घटक) के लाभों के बारे में बताया गया है, लेकिन इसके कोई स्पष्ट सबूत नहीं है।