One Nation One Election: मंगलवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया। बिल पर पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई जिस पर कुछ सांसदों ने आपत्ति जताई। इसके बाद पर्ची से वोटिंग हुई, जिसमें बिल के पक्ष में 269 वोट और विपक्ष में 198 वोट पड़े। फिलहाल बिल को लेकर आगे की प्रक्रिया जारी है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने संसद में एक साथ चुनाव कराने के फायदे गिनाते हुए कहा था कि इससे चुनावी खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा अलग-अलग चुनाव कराने से प्रशासन और सुरक्षा बलों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। आपको बता दें कि भारत में पहले भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा चुके हैं। इसके अलावा कई अन्य देशों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है।
सबसे पहले भारत में कब हुआ था एक साथ चुनाव
जानकारी के मुताबिक भारत के गणतंत्र बनने (One Nation One Election) के बाद 1951 से 1967 के बीच लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभा के चुनाव हर पांच साल में एक साथ कराए जाते थे। हालांकि, बाद में देश के कुछ राज्यों के पुनर्गठन और नए राज्यों के गठन के कारण 1968 में यह व्यवस्था समाप्त करनी पड़ी।
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इन देशों में पहले से लागू है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’
जानकारी के हिसाब से अमेरिका, फ्रांस, स्वीडन, बेल्जियम, इंडोनेशिया, जर्मनी, जापान, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की व्यवस्था पहले से लागू है। हालांकि भारत में इस व्यवस्था को लागू करने को लेकर विपक्ष ने संसद में कई चुनौतियां सामने रखी हैं। भारत में लोकसभा और विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का होता है लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर समय से पहले भी भंग किया जा सकता है। ऐसे में ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करना कैसे संभव होगा?