पीएम नरेंद्र मोदी के ‘समुंद्र मंथन’ से मुस्कराया इंडिया, ट्रंप का टैरिफ इफेक्ट अब हो जाएगा धुआं-धुआं

15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से गरजे। पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई तो वहीं अमेरिका का नाम लिए बिना बड़ा और कड़ा संदेश भी दे दिया।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से गरजे। पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई तो वहीं अमेरिका का नाम लिए बिना बड़ा और कड़ा संदेश भी दे दिया। उन्होंने रेडलाइन के साथ डेडलाइन भी खींच दी। डोनाल्ड ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ का काट भी बताया। जिसका असर भारत में सोमवार को दिखने लगेगा। पीएम मोदी के इस खेला से अमेरिका के अलावा पच्छिम के देशों के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया।

दरअसल, अमेरिका के प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। 25 फीसदी टैरिफ लागू भी हो चुका है। जिसके कारण देश के काराबारी परेशान हैं। ट्रंप के 50 फीसदी वाले 50 फीसदी वाले टैरिफ को ध्यान में रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से बहुत सी ऐसी बातें कीं जो अमेरिका के लिए रेडलाइन और डेडलाइन की तरह हैं। पीएम के भाषण का अगर ठीक ढंग से विश्वेषण करेंगे तो यह साफ दिखेगा कि अमेरिका के लिए उन्होंने कुछ रेडलाइन तय कर दी हैं जिन्हें पार करना अस्वीकार्य है।

इसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी ने डेडलाइन (समयबद्ध अपेक्षाएं) भी तैयार किया है। जाहिर है कि ये रेडलाइन और डेडलाइन भारत की रणनीतिक स्वायत्तता, क्षेत्रीय सुरक्षा, और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है। यही कारण है कि 15 अगस्त 2025 का मोदी का लाल किले से दिया गया भाषण भारी राजनीतिक और कूटनीतिक संदेशों के लिए भी वर्षों तक याद किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपने किसान-मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेंगे। किसान-मछुआरों की रक्षा के लिए हम दीवार बन जाएंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी के लाल किले से दिए गए इस वक्तव्य ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसी भी नीति या दबाव के आगे वो झुकने वाले नहीं। ये अमेरिका के लिए एक रेडलाइन था कि वो समझ ले कि भारत टैरिफ से डरने वाला नहीं है। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अपने स्पीच में दाम कम-दम ज्यादा का मंत्र दिया। इसका सीधा अर्थ है कम कीमत पर बेहतर गुणवत्ता की प्रतिबद्धता। पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया, सेमीकंडक्टर मिशन, ईवी आदि के लिए वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने की बात कही, जो स्पष्टतया अमेरिकी टैरिफ और निर्यात बाधाओं का जवाब था।

पीएम मोदी ने इस मंत्र के माध्यम से भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमईएस को प्रोत्साहित किया कि वे वैश्विक बाजार में किफायती, उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेड इन इंडिया उत्पाद लागत कम रखकर भी उच्च प्रदर्शन दे सकते हैं। यह मंत्र अपरोक्ष रूप से अमेरिका जैसे देशों को संदेश देता है कि भारत किफायती और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ेगा

पीएम मोदी ने रक्षाक्षेत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने सुदर्शन चक्र मिशन का नाम लेकर अमेरिका को एक मजबूत संदेश दिया। इस मिशन का उद्देश्य 2035 तक एक ऐसी स्वदेशी मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करना है, जो बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों को नष्ट करने के साथ-साथ जवाबी कार्रवाई में सक्षम हो। याद करिए कभी भारत को कभी अमेरिका क्रायोजेनिक इंजन देने से मना कर दिया था। यह घोषणा भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और रणनीतिक स्वायत्तता को रेखांकित करती है, जो अमेरिका के लिए कई स्तरों पर संदेश देती है। मतलब कि अमेरिका यह समझ ले कि हमें उसकी तकनीक की भी जरूरत नहीं है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय स्वदेशी हथियारों का जलवा अमेरिका देख ही चुका है। सुदर्शन चक्र मिशन अमेरिका के गोल्डन डोम मिशन के समानांतर है, जो एक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है। यह अमेरिका को स्पष्ट संकेत है कि भारत वैश्विक मिसाइल रक्षा परिदृश्य में एक स्वतंत्र खिलाड़ी बन रहा है और रक्षा तकनीक में अमेरिका को अब चौधरी बनने की कोई जरूरत नहीं है। यह अमेरिका के लिए एक रेडलाइन है, जो दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए बाहरी समर्थन पर निर्भर नहीं रहेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने युवाओं और इंजीनियरों से आह्वान किया कि अब हमें मेड इन इंडिया फाइटर जेट इंजन बनाना चाहिए। यह बयान भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी स्वायत्तता को बढ़ाने की दिशा में एक स्पष्ट कदम था। यह घोषणा अमेरिका को यह संकेत देती है कि भारत रक्षा प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से फाइटर जेट इंजनों में, विदेशी निर्भरता, खासकर अमेरिकी कंपनियों जैसे जनरल इलेक्ट्रिक पर, कम करना चाहता है। दरअसल भारत तेजस जेट के लिए अमेरिका से इंजन की खरीदारी करता था। अमेरिका समय से इंजन की आपूर्ति नहीं करता। अब पीएम मोदी का ये बयान आने के बाद अमेरिका के अंदर खलबली जरूर मचेगी।

अमेरिका को संदेश था डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई 2025 को पाकिस्तान के साथ एक तेल समझौते की घोषणा की थी, जिसमें अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान के तथाकथित विशाल तेल भंडार का विकास करेंगे। ट्रंप ने यह समझौता भारत को चिढ़ाने के लिए किया था। इसकी तसदीक ट्रंप का यह कथन करता है कि शायद पाकिस्तान भविष्य में भारत को तेल बेच सकता है। जिस पर पीएम मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए ‘नेशनल डीपवाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ की घोषणा की। जिसे उन्होंने ‘समुद्र मंथन’ की संज्ञा दी। पीएम नरेंद्र मोदी के इस दांव से भी अमेरिका को मिर्ची लगी होगी। साथ ही पाकिस्तान भी जल रहा होगा।

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