RSS annual meeting updates राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की शुरुआत शुक्रवार को बेंगलुरु में हुई। इस बैठक के पहले दिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, तबला वादक जाकिर हुसैन, प्रीतीश नंदी और संघ के दिवंगत कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी गई।
मणिपुर के हालात पर जताई चिंता
संघ के सह सरकार्यवाह सीआर मुकुंद ने मणिपुर की स्थिति को लेकर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य पिछले 20 महीनों से मुश्किल दौर से गुजर रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार के कुछ प्रशासनिक और राजनीतिक फैसलों के बाद अब हालात में सुधार की उम्मीद दिख रही है। फिर भी, राज्य को पूरी तरह सामान्य होने में अभी समय लगेगा।
भाषा और परिसीमन विवाद पर संघ का नजरिया
सीआर मुकुंद ने कहा कि तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच चल रहे भाषा और परिसीमन विवाद को मिल-जुलकर सुलझाने की जरूरत है।उन्होंने इस पर चिंता जताई कि कुछ ताकतें उत्तर और दक्षिण भारत के बीच मतभेद बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भाषा या परिसीमन से जुड़े विवाद अधिकतर राजनीतिक कारणों से खड़े किए जाते हैं।
संघ का मानना है सभी साथ आए
संघ का मानना है कि देश को एकजुट रखने के लिए सभी सामाजिक समूहों को साथ आना चाहिए। आपसी टकराव से कोई समाधान नहीं निकलेगा। अगर कोई समस्या है तो उसे मिलकर, सकारात्मक सोच के साथ सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक और अन्य सामाजिक समूह इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं, खासकर दक्षिण भारत में।
मातृभाषा को प्राथमिकता, अंग्रेजी भी जरूरी
संघ का हमेशा यही मानना रहा है कि पढ़ाई और रोजमर्रा के जीवन में मातृभाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी जैसी दूसरी भाषाएं भी सीखना जरूरी है, खासतौर पर करियर और मार्केट से जुड़ी जरूरतों के लिए। संघ का इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है कि पढ़ाई दो भाषा या तीन भाषा फॉर्मूला के आधार पर होनी चाहिए। लेकिन संघ का यह स्पष्ट मत है कि मातृभाषा को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को कम से कम दो भाषाएं जरूर सीखनी चाहिए—एक मातृभाषा और दूसरी वह भाषा, जो उसके कार्यक्षेत्र में उपयोगी हो।
बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर प्रस्ताव
संघ की इस बैठक में बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न पर एक प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके अलावा संघ की 100 साल की यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर भी मंथन होगा।
संघ की 100 साल की यात्रा पर चर्चा
इस साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। इस मौके पर बैठक में संघ के सामाजिक कार्यों और विस्तार पर चर्चा हो रही है। सीआर मुकुंद ने कहा कि इस बैठक में यह भी देखा जाएगा कि संघ अब तक समाज में कितना बदलाव ला पाया है और किन क्षेत्रों में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है।
संघ की शाखाओं में हुई बढ़ोतरी
संघ की गतिविधियां इस समय देशभर में 73,646 स्थानों पर चल रही हैं, जिनमें से 51,710 स्थानों पर प्रतिदिन शाखाएं लगती हैं। पिछले एक साल में संघ की शाखाओं में 10,000 की वृद्धि हुई है, जिससे इनकी कुल संख्या 83,129 हो गई है। इसके अलावा साप्ताहिक गतिविधियां भी 4,430 बढ़ी हैं, जिससे अब संघ की कुल 1,15,276 गतिविधियां संचालित हो रही हैं।