नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे…इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे। कल क्या होगा कभी मत सोचो… क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे। ये पंक्तियां मुम्बई के 17 वर्षीय क्रिकेटर आयुष म्हात्रे पर सटीक बैठती हैं। जिन्होंने सुविधाओं के अभाव और चुनौतियों को आत्मसात करते हुए आईपीएल में अपने बल्ले से ऐसी गदर मचाई, जिसे देख बड़े से बड़ा क्रिकेटर्स भी अपने को रोक नहीं पाया। किसी ने आयुष को न्यू हिटमैन बताया तो किसी ने मुम्बई के छोरे को भविष्य का विराट कोहली नाम दिया।
ऐसे आयुष बने रन मशीन
हां आयुष म्हात्रे ऐसे ही हैं, जिन्होंने महज 17 साल की उम्र में ऐसी कहानी लिखी, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। ये कहानी आयुष ने विजय हजारे ट्रॉफी 2024 के ग्रुप स्टेज के मैच में नागालैंड के खिलाफ बल्ले से लिखी थी। आयुष ने रनों की ऐसी बरसात की, जिसके चलते नागालैंड के गेंदबाज उनके सामने पानी मांगते फिरते रहे। यह नजारा देखने लायक रहा, जहां अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उन्होंने अपने लिस्ट-ए करियर का पहला शतक जड़ा। यहीं से आयुष की किस्मत का पिटारा खुला और आईपीएल में मुम्बई रणजी टीम के बल्लेबाज की एंट्री हुई।
डेब्यू मैच में 15 गेंदों पर मनाए 32 रन
आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी के दौरान किसी भी टीम ने आयुष म्हात्रे पर दांव नहीं लगाया। आयुष म्हात्रे को चेन्नई सुपर किंग्स ने रुतुराज गायकवाड़ के चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद अपनी टीम में शामिल किया था। सीएसके ने उन्हें 30 लाख रुपये में साइन किया था। आयुष मैदान पर जौहर दिखने को बेताब थी। तभी युवा क्रिकेटर को पीली जर्सी पहनने का मौका मिला। सामने थी मुम्बई और तारीख थी 20 अप्रैल। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 17 साल के आयुष म्हात्रे ने डेब्यू पर 15 गेंद पर 32 रन ठोककर सनसनी मचा दी।
अपने घरेलू मैदान पर आयुष ने किया डेब्यू
17 साल 278 दिन में डेब्यू करने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के सबसे युवा खिलाड़ी बने आयुष म्हात्रे नहीं सोचा होगा कि उनका आईपीएल डेब्यू उनके घरेलू मैदान वानखेड़े में होगा। लेकिन चमत्कार हुआ। वह बल्ले के साथ मैदान पर उतरे। मुम्बई के खिलाफ एक वक्त धोनी की टीम की हालत खराब थी। 3.1 ओवर में 1 विकेट पर 16 रन बनाए थे। म्हात्रे ने आते ही मिड ऑफ की तरफ शॉट खेलकर अपने तेवर दिखा दिए। अगली ही गेंद पर उन्होंने चौका जड़ा। इसके बाद छक्का जड़ा। आयुष म्हात्रे ने अश्विनी कुमार के ओवर में छक्के से अंत किया। आयुष ने दीपक चाहर को भी 2 चौके जड़े और कुल 32 रन बनाकर आउट हुए।
तब खेली थी तूफानी पारी
आयुष की कहानी का आगाज साल 2024 में हुआ। दरअसल 31 दिसंबर 2024 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पर मुंबई और नागालैंड की टीम के बीच विजय हजारे ट्रॉफी का मैच खेला जा रहा है। पहले बैटिंग करते हुए मुंबई की टीम की पारी का आगाज आयुष म्हात्रे और रघुवंशी ने किया। रघुवंशी आउट हो गए, लेकिन म्हात्रे ने ताबड़तोड़ बैटिंग जारी रखी। आयुष ने 117 गेंदों का सामना करते हुए 181 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 154 से ज्यादा का रहा और उनकी पारी में कुल 11 छक्के और 15 चौके शामिल रहे।
ईरानी कप में किया डेब्यू
म्हात्रे ने मुंबई के लिए 2024 ईरानी कप के दौरान फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। वहीं, उन्होंने रणजी ट्रॉफी में फर्स्ट क्लास की अपनी पहली सेंचुरी ठोकी। 17 साल के आयुष ने बेहद ही कम समय में खूब महफिल लूट ली हैं। उन्होंने अब तक फर्स्ट क्लास में 6 मैच खेले और इस दौरान उनके बल्ले से 441 रन निकले, जबकि लिस्ट- ए क्रिकेट में उन्होंने अब तक 4 मैच खेलते हुए 309 रन बना लिए हैं। आयुष को देख क्रिकेट प्रशंसक उन्हें न्यू हिटमैन नाम दिया। वह भी रोहित शर्मा की तरह गगनचुंबी छक्के मारते हैं।
6 साल की उम्र में दिया इंटरव्यू
आयुष म्हात्रे ने तब बल्ला थाम लिया था जब बच्चे ककहरा सीख रहे होते हैं। वेंगसरकर क्रिकेट एकेडमी (पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर की एकेडमी) ने आयुष का जुलाई 2014 का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया है। तब 6 साल के आयुष इंटरव्यू में सवालों का एक-शब्द में जवाब देते हैं। वह ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं। आयुष को क्रिकेटर उनके नाना ने बनाया। नाना ने ही आयुष को मैदान पर ले जाते और पूरे दिन मैदान पर रहकर अपने पौत्र की बैटिंग देखा करते थे।
नाना ने आयुष को सिखाया क्रिकेट का ककहरा
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान आयुष के नाना से जब रिपोर्टर ने प्रश्न किया कि उन्होंने आयुष को इतनी कम उम्र में ट्रेनिंग के लिए क्यों भेजा?। जिस पर नाना लक्ष्मीकांत नाइक जवाब देते कहा था कि हमने बल्ले से उसकी प्रतिभा देखी। हमने सोचा कि वह खेल में कुछ बड़ा बनेगा या नहीं, यह नियति की बात है। लेकिन उसे आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा था कि इसी एकेडमी से सचिन-विनोद कांबली निकले। इसी के कारण हमने आयुष का दाखिला यहां पर करवाया।
तब आयुष बोले
म्हात्रे ने पिछले साल इंडियन एक्सप्रेस से कहा था, मैंने 6 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था, लेकिन मेरा असली क्रिकेट तब शुरू हुआ जब मैं 10 साल का था। मुझे माटुंगा के डॉन बॉस्को हाई स्कूल में दाखिला मिला और मेरे नाना लक्ष्मीकांत नाइक ने मुझे हर दिन वहां ले जाने की जिम्मेदारी ली। इसलिए सुबह मैं माटुंगा में अभ्यास के लिए जाता था, स्कूल जाता था और फिर दूसरी प्रैक्टिस में शामिल होने के लिए चर्चगेट जाता था। मेरा परिवार मेरे नानाजी से कहता था कि मेरी नींद खराब न करें, लेकिन अब उन्हें भी लगता है कि मेरा त्याग रंग ला रहा है।