आज शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की जाती है। आज का दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। यदि कोई व्यक्ति धन, यश और संतान सुख की कामना करके पूरे विधि-विधान के साथ स्कंदमाता पूजन करता है तो भक्तों की मनोकामना पूरी होती है।
पूजा से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर स्कंदमाता का स्मरण करें। इसके बाद स्कंदमाता को अक्षत्, पुष्प, धूप, गंध, अर्पित करें। उनको बताशा, लौंग, का जोड़ा, पान, सुपारी, किसमिस, गूगल, इलायची, कमलगट्टा, कपूर, आदि भी चढ़ाएं। इसके बाद स्कंदमाता की आरती करें। ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न होते हैं।
मां स्कंदमाता के इस मंत्र का उचारण
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
महाबले महोत्साहे. महाभय विनाशिनी.
त्राहिमाम स्कन्दमाते. शत्रुनाम भयवर्धिनि..
ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥
मां स्कंदमाता की आरती करें
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता,
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी,
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं,
कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा,
कहीं पहाड़ों पर है डेरा
कई शहरो मैं तेरा बसेरा,
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाए तेरे भगत प्यारे,
भक्ति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो,
इंद्र आदि देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे,
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए
तुम ही खंडा हाथ उठाए,
दास को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुराने आई..