नई दिल्ली. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर ईरान के हमले के बाद से दोनों देशों के रिश्ते तल्ख होते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान की ओर से मिसाइल दागी गई. इस हमले के बाद पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का निर्णय लिया है. पाक का कहना है कि ईरान ने उसके संप्रभुता पर चोट पहुंचाया है. ये भी दावा किया जा रहा है कि हमले में दो बच्चों की मौत हुई है, जबकि तीन अन्य बच्चियां घायल हो गई हैं.
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जैश अल-अदल समूह ने की हमले की पुष्टि
पाकिस्तान में हुए इस एयर स्ट्राइक की जैश अल-अदल समूह ने पुष्टि की है. समूह ने बताया की ईरान (Iran-Pakistan) ने मिसाइल और ड्रोन की मदद से उनके ठिकानों पर हमला किया था. लगभग छह ड्रोन और कई मिसाइलों के जरिए बलूचिस्तान के पहाड़ों में जैश अल-अदल संगठन के कई चरमपंथियों के घरों को निशाना बनाया गया. जिसमें जैश अल-अदल लड़ाकों के दो घर तबाह हो गए और दो नाबालिग बच्चों की जान चली गई.
आतंकवाद पूरे विश्व के लिए साझा खतरा
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने हमले को लेकर कहा कि ईरान ने हमारे हवाईक्षेत्र का उल्लंघन किया है. जिसमें दो मासूमों की मौत हो गई. जबकि, तीन अन्य लड़कियां भी घायल हुई है. ईरान द्वारा पाकिस्तान (Iran-Pakistan) की संप्रभुता का ये उल्लंघन अस्वीकार्य है. उन्हें मालूम होना चाहिए कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. पाकिस्तान हमेशा कहता रहा है कि आतंकवाद विश्व के लिए एक साझा खतरा है. जिस पर एक साथ मिलकर कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन ऐसे एकतरफा कार्रवाई अच्छे पड़ोसी के लक्षण नहीं है. यह द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर बनाता है.
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