नई दिल्ली। निहित स्वार्थ समूह के खिलाफ 600 से अधिक वकीलों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि दूसरों को डराना और धमकाना कांग्रेस पुरानी संस्कृति है। उन्होंने कहा कि 5 दशक पहले ही उन्होंने “प्रतिबद्ध न्यायपालिका” का आह्वान किया था लेकिन वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं। लेकिन इसमें कोई आश्चर्य नहीं किआने वाले चुनाव में 140 करोड़ भारतीय हैं उन्हें फिर से खारिज कर देंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया
पीएम ने लगभग 600 से अधिक वकीलों द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि दूसरों को डराना और धमकाना कांग्रेस पुरानी संस्कृति है।
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
5 decades ago itself they had called for a "committed judiciary" – they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
पत्र में क्या कहा गया है ?
गौरतलब है कि 600 से अधिक वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है जिसमें न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के उद्देश्य से एक विशिष्ट हित समूह के कार्यों के खिलाफ गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। मुख्यन्यायधीश को लिखे गए पत्र पर वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, मनन कुमार मिश्रा, आदीश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होल्ला और स्वरूपमा चतुर्वेदी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट सहित प्रमुख वकीलों ने हस्ताक्षर किए हैं।
वकीलों के अनुसार, यह समूह न्यायिक परिणामों को प्रभावित करने के लिए दबाव की रणनीति अपना रहा है, खासकर राजनीतिक हस्तियों और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े मामलों में। उनका तर्क है कि ये कार्रवाइयां लोकतांत्रिक ढांचे और न्यायिक प्रक्रियाओं में रखे गए भरोसे के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती हैं।
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