महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे बंधुओं के बीच एक बार फिर तकरार देखने को मिला है। जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के एक कार्यक्रम में राज ठाकरे ने कहा कि- ‘महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाने के लिए समर्थन नहीं दिया था. उद्धव ठाकरे ने जनता के साथ गद्दारी की है. जनता से गद्दारी करने वाले नेताओं को जनता ही सबक सिखाएगी’.
चुनाव के नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि- ‘उद्धव ठाकरे और शिवसेना को ढाई साल का सीएम पद का वादा कैसे याद आया. चुनावी मंच पर उन्होंने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के सामने ये बातें क्यों नहीं कहीं. सीएम जनता का पद है, इस पर अकेले में चर्चा का क्या मतलब था’.
जाति की राजनीति शुरू हुई- राज ठाकरे
उन्होंने शिवसेना और एनसीपी गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि, छगन भुजबल जेल में 2 साल रहने के बाद बाहर आए और उद्धव सरकार में मंत्री बन गए. वह आजादी की लड़ाई लड़ते हुए जेल नहीं गए थे. उन्होंने कहा कि दाऊद से संबंध रखने वाला नवाब मलिक जेल में है लेकिन सरकार में मंत्री बना हुआ है. NCP के महाराष्ट्र में जन्म होने के बाद से ही यहां जाति की राजनीति शुरू हुई.
उद्धव ठाकरे के विधायकों को घर क्यों ?
इसी दौरान राज ठाकरे ने उद्धव सरकार के विधायकों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि- ‘विधायकों को घर देने से पहले उन लोगों का फार्महाउस जनता के नाम कर दो. अगर घर देना ही है तो जरूरतमंदों को दो जो झुग्गी झोपड़ी में रह रहे हैं’.
करप्शन पर भी घेरा
राज ठाकरे ने यशवंत जाधव पर हुई कार्रवाई का मुद्दा उठाते हुए शिवसेना पर हमला किया. उनहोंने कहा कि- ‘पार्टी के कई नेता करप्शन में लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि पहले परिवार को बताओ की BMC जाना बंद करें. पैसों का व्यवहार करोगे तो नोटिस आएगा ही’.