Prayagraj Bawal: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 29 जून को हुए बवाल के दौरान घायल हुए दलित युवक सुनील कुमार गौतम (25) की मंगलवार देर रात एसआरएन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, क्योंकि भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद ने पुलिस पर सुनील की ‘निर्मम हत्या’ का आरोप लगाया है। वहीं, प्रयागराज के डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि सुनील की मौत पेट दर्द से हुई है और Prayagraj पुलिस के पास सभी साक्ष्य मौजूद हैं। सुनील की मौत से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह पुलिस की पिटाई से अपनी हालत बिगड़ने की बात कह रहा था। इस घटना से दलित समाज में उबाल है और उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि सुनील को पुलिस और उपद्रवियों ने मिलकर बेरहमी से पीटा और अधमरी हालत में खेत में फेंक दिया। उन्होंने इसे “हजारों सालों से बहुजनों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार का जीता जागता प्रमाण” बताया। चंद्रशेखर के अनुसार, उन्हें प्रयागराज में पीड़ित परिवारों से मिलने से रोकने के लिए नज़रबंद किया गया था, और उसी दौरान पुलिस की मौजूदगी में उपद्रव कराया गया।
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हालांकि, Prayagraj डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने चंद्रशेखर के आरोपों का खंडन करते हुए एक वीडियो बाइट जारी की है। उन्होंने कहा कि सुनील की मौत का 29 जून के उपद्रव से कोई संबंध नहीं है। डीसीपी के मुताबिक, 29 जून को सुनील अपना ई-रिक्शा लेकर जा रहा था तभी पेट दर्द से घायल हो गया था। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद वह घर चला गया। 30 जून को पेट दर्द बढ़ने पर उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 1 जुलाई को उसकी मौत हो गई। डीसीपी ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
फिलहाल, सुनील कुमार गौतम के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा। इस घटना ने उत्तर प्रदेश में एक बार फिर Prayagraj पुलिस और दलित संगठनों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक घमासान और तेज होने की संभावना है।