कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस वक्त अमेरिका दौरे पर है। वहीं भारतीय प्रवासियों की एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। लेकिन कुछ भी काम नहीं आया और यात्रा का प्रभाव बढ़ गया। यह इसलिए हुआ क्योंकि ‘भारत जोड़ो का विचार हर किसी के दिल में है। इस दौरान उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए देश की राजनीति के बारे में बात की और भारतीय जनता पार्टी समेत आरएसएस पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा, राजनीति के लिए जिन संसाधनों की जरूरत पड़ती है उन्हें ये नियंत्रित कर रहे हैं।
भगवान से भी ज्यादा जानते हैं मोदी
इसी के साथ राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, देश में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें लगता है वो सब कुछ जानते हैं। भगवान से भी ज्यादा जानते हैं। वो भगवान के साथ बैठ सकते हैं और उन्हें भी समझा सकते हैं। यहां राहुल ने पीएम पर कटाक्ष करते हुए कहा, मुझे लगता है हमारे देश के प्रधानमंत्री उनमें से एक हैं। मोदी जी को अगर भगवान के साथ बैठा दें तो वो भगवान को समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रहमांड कैसे काम करता है. सही?
मुझे लगा ही था भारत जोड़ो यात्रा आसान नहीं थी- राहुल गांधी
वहीं भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव को लोगों के साथ शेयर करते हुए कहा, मैंने जब ये यात्रा शुरू थी तो 5-6 दिन बाद महसूस हुआ कि ये यात्रा आसान नहीं होगी। हजारों किलोमीटर की यात्रा को पैदल तय करना बेहद मुश्किल दिख रहा था, लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। उन्होंने बताया मैं, कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक रोजाना 25 किलोमीटर की यात्रा तय कर रहे थे। तीन हफ्ते बाद मुझे लगा कि मैं अब थक नहीं रहा हूं। मैंने लोगों से भी पूछना शुरू किया कि क्या वो थकान महसूस कर रहे हैं? लेकिन किसी ने इसका जवाब हां में नहीं दिया। उन्होंने कहा, उस यात्रा में केवल कांग्रेस नहीं चल रही थी बल्कि पूरा भारत कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा था। राहुल ने आगे कहा, कांग्रेस के साथ अच्छी बात ये है कि हम सबके साथ हैं. कोई आकर कुछ बोलना चाहता है तो हम उसे सुनते हैं। हम गुस्सा नहीं होते ये हमारा नेचर है। राहुल गांधी ने अपने संबोधन के बाद लोगों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, ‘बीजेपी मीटिंग में ऐसा सवाल-जवाब का सिलसिला नहीं होता।’