राजस्थान में सियासत तेज है। अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के बगावती तेवरों देखने के बाद कांग्रेस हाईकमान भी अब सख्ती बरतने के मूड़ में है। दरअसल सोमवार को पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने जयपुर में मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से विस्तृत रिपोर्ट मांग की है।
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत खेमे के कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन के खिलाफ आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि माकन पक्षपात कर रहे है। वे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का मिशन में लगे है। धारीवाल ने सचिन पायलट पर बिना नाम लिए हमला किया।
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि ‘ये 100% सीएम यानी अशोक गहलोत को हटाने की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि मैं किसी और की बात नहीं कर रहा। मेरा खड़गे पर कोई आरोप नहीं हैं। उन्होंने प्रभारी महासचिव पर आरोप लगाया है। वहीं सीएम गहलोत ने हमेशा हाईकमान के निर्देशों का पालन किया है।
बीजेपी गोली चलाएगी तो गोली जवाब देंगे
इससे पहले गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि ‘ED, CBI की टीमें राजस्थान की सड़कों पर उतरने वाली हैं। हमको ED, CBI और IT के नोटिस आते है। जिसके बाद आईटी की टीम ने मंत्री राजेंद्र यादव के घर छापेमारी की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरकर लड़ना होगा। अब सड़कों पर ही बराबर का मुकाबला होगा।
बीजेपी लाठी चलाएगी तो लाठी का भी जवाब देंगे। बीजेपी एजेंसी भेजेगी तो एजेंसी का जवाब मिलेगा। बीजेपी गोली चलाएगी तो गोली का जवाब दिया जाएगा। बीजेपी जुल्म करेगी तो जुल्म का भी जवाब देंगे। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए पार्टी का एक-एक विधायक और कार्यकर्ता कल भी एक था और आज भी एक है।’
सोनिया गांधी के आह्वान पर खून बहा देंगे
वहीं प्रताप सिंह ने कहा कि ‘सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी के आह्वान पर खून बहा देंगे। उन्होंने कहा कि अचानक विधायकों को पता चला कि मीटिंग हो गई और कोई अफवाह फैलती है तो परिवार का मामला तो बात क्लीयर की जाए। बीजेपी की साजिश से बचाने के लिए कोई बात करें तो वो बात सुनी जानी चाहिए।’
इसी बीच कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने दिल्ली में लगातार पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हाईकमान कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नामांकन के बाद सीएम पद पर कोई फैसला लेगी। इसलिए अभी बगावत करने वाले गहलोत समर्थक विधायकों पर भी एक्शन नहीं लिया जा रहा। पार्टी हाईकमान पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई का फैसला लेगा। बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है।
विधायकों ने रखी 3 शर्तें
वहीं अजय माकन ने कहा कि मैंने और खड़गेजी ने सोनिया गांधी को सीएलपी बैठक की जानकारी दी जिसके लिए हम राजस्थान गए थे। हमें हर विधायक से बात करने के बाद रिपोर्ट सोनिया गांधी को देनी थी। इस दौरान विधायकों ने 3 शर्तें रखी। जिसका हमने विरोध करते हुए कहा कि यह कैसे संभव नहीं है क्योंकि यह हितों का टकराव है।