पटना। राउज ऐवन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दे दी। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था, इसलिए कोर्ट के पास जमानत याचिका खारिज करने की कोई वजह है। अदालत के फैसले पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों के नियमित जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को शर्तों के साथ जमानत दी जाए। जिसके बाद कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी से जुड़े इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू परिवार को बड़ी राहत दी है।
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग मामला ?
जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव पर आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू यादव ने रेलवे में अलग अलग पदों पर नियुक्ति के बदले अपने परिवार सदस्यों के नाम पर जमीनें लिखवाईं। इसके अलावा उन्होंने रेल मंत्री होते हुए भी आर्थिक लाभ हासिल किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले में जांच कर रही।
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सीबीआई को 2 हफ्ते का समय
सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि वो मामले में दो हफ्ते के भीतर अंतिम आरोप पत्र दाखिल करेगी। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसकी जांच नतीजे पर पहुंचने वाली है।जिसके बाद वो अदालत में अंतिम आरोपपत्र दाखिल करेगी। एजेंसी की मांग पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को निर्णायक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय देते हुए कहा कि मामले को 14 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया।