बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतकर भारतीय टीम ने एक बार फिर से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में प्रवेश कर लिया जहां पहले ही टीम ऑस्ट्रेलिया अपने प्रतिद्वंदी का इंतजार कर रही थी। भारतीय टीम वैसे तो काफी बैलेंस्ड नजर आती है चाहे गेंदबाजी में अश्विन-जड़ेजा का डेड्ली कॉम्बिनेशन हो या फिर बल्लेबाजी में विराट-रोहित से लेकर शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ीयों का ऑनफॉर्म होना हो, टीम इंडिया सभी डिपार्टमेंटों में काफी शानदार नजर आती है। लेकिन इस शानदार टीम में एक कमी है जो पहले तो नहीं थी लेकिन अब टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है। ये कमी है बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज ना होने की, हम सभी जानते हैं कि जब तक रिषभ पंत ठीक थे तब तक टेस्ट टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज की जगह पर किसी बहस की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि पंत टेस्ट में दुनिया के सबसे अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक हैं लेकिन कहानी तब खराब हुई जब रिषभ पंत का एक्सीडेंट हुआ, दुर्घटना के इतने महीनों बाद भी पंत फिट नहीं है और इस साल वो पूरी तरह फिट हो भी नहीं पाएंगे, ऐसे में भारतीय टेस्ट टीम को पंत के रिप्लेसमेंट के लिए एक नया विकेटकीपर बल्लेबाज चाहिए था और नाम फाइनल किया गया केएस भरत का। केएस भरत नए खिलाड़ी हैं, ज्यादा अंतराष्ट्रीय अनुभव उन्हें है नहीं इसलिए हुआ भी वही जिसकी कई क्रिकेट पंडितों को उम्मीद थी। भरत अभी तक टेस्ट क्रिकेट में ना तो कोई खास पारी खेल पाए हैं और ना विकेटकीपिंग में कोई खास छाप छोड़ पाए हैं। जैसे तैसे भारत ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में तो ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया लेकिन अब बात WTC फाइनल की है, वही WTC फाइनल जहां पिछली बार विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया न्यूजीलैंड के हाथों हार गई थी, ऐसे में BCCI और टीम मैनेजमेंट इस बार कोई कोताही नहीं बरतना चाहती।
कुल मिलाकर इस बात पर अभी पूरी तरह कनफ्यूजन बना हुआ है कि WTC फाइनल में भारत की ओर से विकेटकीपर बल्लेबाज कौन होगा? लेकिन रूकिए BCCI ने ना सही लेकिन भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने इस समस्या का हल निकाल लिया है और उनका सोल्यूशन शायद आपको भी पसंद आएगा।
दरअसल भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले वनडे मैच में कॉमेंट्री करते समय रवि शास्त्री ने इस समस्या को सुलझाया। रवि शास्त्री का मानना है कि WTC फाइनल में भारत की बल्लेबाजी को और भी मजबूत बनाने के लिए केएस भरत की जगह केएल राहुल को खिलाना चाहिए।
शास्त्री की इस राय की वाजिब वजह भी है क्योंकि जहां एक तरफ केएस भरत पूरी तरह फ्लॉप चल रहे हैं वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में केएल राहुन ने 75 रनों की शानदार नाबाद पारी तो खेली ही बल्कि विकेट कीपिंग करते हुए एक शानदार कैच भी पकड़ा। हम ये कह सकते हैं कि राहुल ने अपनी फॉर्म वापसी के संकेत दे दिए हैं लेकिन राहुल के साथ सिर्फ एक ही समस्या है और वो है फिटनेस, क्योंकि 5 दिन के टेस्ट मैच में राहुल अगर अच्छी तरह विकेटकीपिंग कर पाते हैं तो सारी गुत्थी ही सुलझ जाएगी। रवि शास्त्री ने राहुल को WTC फाइनल में खिलाने के बकायदा प्रेक्टिकल कारण भी बताए।
शास्त्री ने कहा –
अगर राहुल विकेटकीपिंग कर सकते हैं तो भारत अपनी बल्लेबाजी को मजबूत कर सकता है। राहुल इंग्लैंड में मध्यक्रम में नंबर पांच या नंबर छह पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। इंग्लैंड में आपको आम तौर पर विकेट के बहुत पीछे से विकेटकीपिंग करनी होती है। आपको स्पिनरों से बहुत गेंदबाजी नहीं कराते, न ही बहुत टर्न की उम्मीद करते हैं। राहुल के पास आईपीएल से पहले दो और वनडे हैं। वह भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर सकते है।
राहुल और भरत में से कौन है बेहतर टेस्ट खिलाड़ी –
वैसे तो राहुल पुराने चावल हैं और भरत की पिक्चर अभी-अभी शुरू हुई है लेकिन फिर भी हम एक बार इन दोनों खिलाड़ियों का टेस्ट में कंपेरिजन करके देख लेते हैं।
राहुल ने कुल 47 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उनके बल्ले से 33.44 की औसत से 2642 रन निकले हैं। राहुल ने अब तक टेस्ट में 7 शतक और 13 अर्धशतक जड़े हैं।
बात करें केएस भरत की तो उन्होने अब तक केवल 4 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें 20.2 की औसत से उन्होने 101 रन बनाए हैं।
आंकड़ों में तो राहुल ही बेस्ट हैं क्योंकि वे ज्यादा खेले हैं लेकिन टेस्ट में वापसी के लिए उन्हें फिटनेस की अग्नीपरीक्षा देनी ही होगी और अगर राहुल इस अग्नीपरीक्षा में पास हो गए तो फिर केएस भरत को मौका मिलने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन जब तक भारत के पास राहुल या कोई और विकल्प नहीं है तब तक केएस भरत से ही टीम इंडिया को काम चलाना पड़ेगा।