Anoushka Parikh Sports Career Spoiled: क्या कभी आप ने सोचा होगा कि एक ऐसा दर्द जो किसी के कैरियर को खत्म कर सकता हैं. ऐसी ही घटना हुई है अनुष्का पारिख के साथ जो की काफी जानी मानी भारतीय बैंडमिंटन खिलाड़ी रही हैं और तो और अपनी कड़ी मेहनत से नेशनल – इंटरनेशनल लेवल पर सिंग्लस और मिक्स डबल्स खेल चुकी हैं और कई खिताब अपने नाम भी किया हैं. लेकिन अफ़सोस की बात यह है की जब वो अपने करियर के सुनहरे दौर में थीं, तभी उन्हे PCOD की दिक्कत हुई.यानी कि PERIODS से जुड़ी दिक्कत. इस दिक्कत की वजह से ना सिर्फ वो मेंटल और इमोशनल लेवल पर परेशान हुई बल्कि उनका खेल प्रभावित हो गया….इतना ज्यादा की उनका एक अच्छा खासा करियर खत्म हो गया.
साल 2016 में अनुष्का अपने घर अहमदाबाद से हैदराबाद गोपीचंद अकादमी चली गईं। वहां वो 3-4 घंटे के बजाए 8 घंटे की ट्रेनिंग लेने लगीं, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयारी करने वाले एथलीटों की होती है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अनुष्का बताती हैं कि उनके लिए एक नया वातावरण था। खाने का समय बदल गया था। और ये उनके पीरियड्स साइकल के साथ भी हुआ। वो कहती हैं- मेरा पीरियड्स साइकल ठीक था लेकिन मुझे केवल एक दिन के लिए पीरियड्स आता। फिर मेरा वजन बढ़ने लगा। 5 महीने के अंदर 8 किलो वजन बढ़ गया था और ये बैडमिंटन खिलाड़ी होने के नाते बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। ये ना सिर्फ मेरे मूवमेंट को बल्कि हर चीज को प्रभावित कर रहा था। सारे लोग मुझे कहते कि वजन कम करो लेकिन मुझे नहीं पता था कि कैसे करूँ? मैं 8 घंटे की ट्रेनिंग लेती थी औऱ इससे ज़्यादा नहीं कर सकती थी…..GFX OUT
अनुष्का एक हाइपरएक्टिव बच्ची थीं… एक साल उनके पेरेंट्स ने एक क्लब में टेनिस खिलवाया, उसके बाद स्विमिंग, फिर स्केटिंग और फिर बैडमिंटन खिलवाया. पहले दिन से ही अनुष्का को बैडमिंटन पसंद था. उन्हें खेल इतना पसंद था कि वो एक भी दिन के लिए गेम को छोड़ती नहीं थी.
अनुष्का ने साल 2011 में एशियाई चैंपियनशिप टूर्नामेंट के लिए अंडर-15 पर ब्रॉन्ज मेडल जीता था. साल 2014 में पीठ की चोट की वजह से उनके सिंगल्स करियर पर असर पड़ा. लेकिन डबल्स में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया. 2017 में अनुष्का और सौरभ शर्मा ने मिक्स डबल्स खेला. इस जोड़ी ने यूक्रेन इंटरनेशनल के फाइनल में साल 2018 में सामने वाली जोड़ी को हराकर खिताब जीता था..
अनुष्का ने बताया कि PCOD ने उन्हें मेंटल और इमोशनल तरीके से कमजोर कर दिया था. उन्हें लगता था ज्यादा कैलोरी बर्नआउट से वजन कम होता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वो कहती हैं,
“मैं एक भी टूर्नामेंट से वापस आती तो मेरा कैसा मैच हुआ पूछने के बजाय वो कहते ‘अच्छा और कितना वजन बढ़ाना है.’ उनका ध्यान मेरे वजन पर था.”
अनुष्का का मानना था कि उनका वज़न ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आप सही कर सकते हो. अनुष्का ने अपने खेल पर फोकस करना शुरू कर दिया. लेकिन लोगों ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया. नतीजा ये हुआ कि उनका फोकस फिर से अपने वज़न पर शिफ्ट हो गया. अनुष्का बताती हैं कि लोग कहते थे उन्हें वर्कआउट करना चाहिए, इससे उनका वज़न कम होगा. लेकिन अनुष्का दिन में आठ घंटे खेल रही थीं, और उन्हें नहीं पता था कि उन्हें अपना वज़न कम करने के लिए और क्या करना है.
अनुष्का बताती हैं कि पीरियड्स के बारे में उनके घर में कभी बात नहीं होती थी. उनकी मां को पता था लेकिन उन्हें भी इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. अनुष्का ने कहा,
“सबसे पहले मेरे बाल झड़ने लगे. एक समय ऐसा आ गया आप मेरे बालो की जगह सिर में धब्बे देख सकते थे. चाहे मैं कंघी करू या बाल धो रही हूं. हमेशा बाल झड़ते थे. चेहरे पर दाने होने लगे. शरीर में सूजन आने लगी. मेरे पीरियड्स शुरू होने के कुछ दिन पहले मेरा दो किलो वजन बढ़ जाता था. नींद नहीं आती थी. मुझे पीरियड्स होते थे लेकिन सिर्फ एक दिन ही.”
अनुष्का ने कहा कि वो अपने करियर को खराब करने का दोष PCOD को नहीं देंगी, पर उस माहौल को ज़रूर देंगी जो उनके आसपास के लोगों ने बनाया.
आपको बता दे की अनुष्का ने अपने साथी ATHLETES के लिए संदेश भी भेजा है, उनका कहना है की….
# खुलकर बात करें, और अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखे.
# इसके साथ अपने पीरियड को ट्रैक करें -सिर्फ 5 दिन नहीं हर दिन.!
# इसके साथ आप शारीरिक और मानसिक रूप से रोज कैसा महसूस करते हैं. ये भी ध्यान रखें.
# अपने लक्षणों का इलाज करें- पीरियड्स नॉर्मल हैं, लेकिन उनका दर्द नहीं. अपने लक्षणों को बेहतर ढंग से समझें और इसके सॉल्यूशन निकाले.
# अपना सपोर्ट सिस्टम ढूंढें और अपने कोच से मदद मांगने में डरे नहीं.