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पूर्व सीएम हरीश रावत और बेटी अनुपमा रावत हुए भावुक, कांग्रेस के पक्ष में वोट देने की अपील की

पूर्व सीएम हरीश रावत और बेटी अनुपमा रावत हुए भावुक, कांग्रेस के पक्ष में वोट देने की अपील की

हरिद्वार: कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मंगलवार को अपनी बेटी अनुपमा रावत के दफ्तर का उद्घाटन किया। अनुपमा हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। हरीश रावत ने यहां एक सभा को भी संबोधित किया और बेटी को जिताने के लिए अपील की। इस दौरान वो पुराने लोगों को देखकर भावुक भी हो गए। उन्हें 2017 में इस सीट पर मिली हार की याद आ गई। पिता को इमोशनल होते देख उनकी बेटी की आंखों में भी आंसू आ गए।

हरीश रावत ने यहां के फेरुपुर में अनुपमा के मुख्य चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंचे हुए थे। हरीश रावत ने यहां पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे बहुत पुराने-पुराने साथी आए थे तो मैं भावनाओं में आकर थोड़ी बहुत बात कर गया। मैंने जो भी कहा हरिद्वार से जो मेरा संबंध है उसे देखते हुए कहा। मैं 22 साल से हरिद्वार और इस धरती की सेवा कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि 2017 में जो हार हुई थी उसका बदला मेरी बेटी चुकाएगी। भावुक होने की बात है तो मैंने अपने एक पुराने साथी को देखा तो रोक नहीं पाया, बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया वो भी रोने लगे थे।

इस दौरान अनुपमा रावत ने कहा कि रावत जी ने अपनी बात रखी है. कई वर्षों से यहां से हमारा भावनात्मक लगाव है. कई बार ऐसे पल आ जाते हैं जब इंसान इमोशनल हो जाता है, जो व्यक्ति दिल से सेवा करता है कई बार उसका फल नहीं मिला पाता है। उन्हें देखकर मुझे भी वो सब बातें याद आ गई। 2017 की हार और जीत का सवाल नहीं है। इस क्षेत्र में दिल से काम किए है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात का एहसास है। आज किसी भी गांव में चले जाईए, जो लोगों का आशीर्वाद है। लोग रात को निकलकर भी हमें आशीर्वाद देने आते हैं।

हार का बदला लेने पर अनुपमा ने कहा कि जीत-हार मेरी परिपाटी कभी भी नहीं रही कि मुझे बदला लेना है, लेकिन मेरा उद्देश्य हमेशा से राजनीति में आने का रहा है। मेरी जो शिक्षा और दीक्षा रही मेरा यह रहा है कि मैं काम करूं। इसी के लिए मैंने राजनीति को चुना कि मुझे लोगों की सेवा करनी है और युवा होने के नाते भी महिला होने के नाते भी अगर मैं कुछ नया बदलाव ला सकती हूं और अपने राज्य के लिए कुछ कर सकूं यहां के लोगों के लिए कुछ कर सकूं तो मेरा जीवन उसमें बहुत सार्थक मानूंगी।

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