मुंबई। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच गुप्त मुलाकात ने सूबे की राजनीतिक पारे को बढ़ा दिया है. अब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि शरद पवार को ऑफर दे सकें.
अजित पवार के जरिए ऑफर
बता दें कि महाराष्ट्र से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि, एनसीपी चीफ शरद पवार को मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया है. बीजेपी ये ऑफर हाल ही में दल बदलकर सत्ता पक्ष में शामिल हुए अजित पवार के जरिए दी है. इसके तहत अगर शरद पवार, महाविकास अघाड़ी दल से एनडीए एलायंस वाली सत्ताधारी पक्ष में शामिल होते हैं, तो उनको केंद्र मंत्री बनाया जाएगा. अब इसको लेकर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने बड़ी बात कही है.
पवार साहब का कद बहुत बड़ा
एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि, अजित पवार को पवार साहब(शरद पवार) ने बनाया है. पवार साहब 60 साल से भी ज्यादा का समय संसदीय राजनीति में बिता चुके हैं. ये महाराष्ट्र के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. शरद पवार का कद बहुत ही बड़ा है, ये छोटे लोग उनको ऑफर नहीं दे सकते.
कांग्रेस नेता ने किया ये दावा
शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल बढ़ा दिया है. दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात से कई मायने निकाले जा रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी ने अजित के जरिए शरद पवार को एक बड़ा ऑफर दी है. चव्हाण ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनसीपी अध्यक्ष को केंद्रीय कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग का अध्यक्ष पद देने का दावा किया है. इसके अलावा एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया है.
शरद पवार ने किया साफ
बता दें कि मुलाकात को लेकर शरद पवार ने ये कहा कि, ‘ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मैं य स्पष्ट करना चाहता हूं कि पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. एनसीपी और बीजेपी का जुड़ाव राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है. कई शुभचिंतक मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम गठबंधन नहीं करने वाले हैं. ‘ एनसीपी अध्यक्ष ने बिना नाम लिए कहा कि, ‘ कुछ लोगों ने हमसे अलग होने का रूख अपनाया है और कई सोच रहे हैं कि हमारे रूख में बदलाव हो. इसी लिए हमसे सौहार्दपूर्ण चर्चा करने की कोशिश की जा रही है. ‘