लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ की सभी 9 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। जिसमें चर्चित सीट सरोजनीनगर विधानसभा भी शामिल है। चर्चित इसलिए क्योंकि यहां से बीजेपी ने मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट काट दिया। साथ ही उनके पति दयाशंकर सिंह को भी टिकट नहीं दिया और टिकट मिला डॉ. राजेश्वर सिंह को जिन्होंने वीआरएस लेकर खाकी छोड़ खादी पहनी है।
लखनऊ में तैनाती के दौरान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान बनाने वाले डॉ. राजेश्वर सिंह अब चुनाव मैदान में हैं। इन्होंने INX मीडिया घोटाले, 2-जी घोटाले और एयरसेल-मैक्सिस डील में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सलाखों के पीछे तक पहुंचा दिया था। सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24 हजार करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवा दिया था। एक वक्त पर सुपरकॉप, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की छवि रखने वाले राजेश्वर ने कब राजनीति की जमीन तलाशनी शुरू की, इसका जवाब खुद उनके पास भी नहीं है। हालांकि, अब वह भाजपा का चेहरा हैं और सरोजनीनगर सीट से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं।
ब्यूरोक्रेसी और सियासत के इस गठजोड़ के बाद राजेश्वर ने ट्विटर पर कई चर्चित केस में अपनी भूमिका साझा की। इनमें उन्होंने खुद 2 जी घोटाला, आईएनएक्स मीडिया घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम, गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच को अपनी उपलब्धि के रूप में बताया।
यूपी के चर्चित घोटालों की जांच में शामिल रहे डॉ. राजेश्वर सिंह 1996 बैच के PPS अधिकारी हैं। यूपी पुलिस में 10 साल की सेवाएं और प्रवर्तन निदेशालय में 14 साल उन्होंने काम किया। सिर्फ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच के लिए ही वो नहीं जाने जाते हैं। लखनऊ में तैनाती के दौरान वो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते थे। 13 एनकाउंटर उनके नाम पर हैं। 2007 में प्रतिनियुक्ति पर ED में चले गए थे।
डॉ. राजेश्वर सिंह सुल्तानपुर के पखरौली के मूल निवासी हैं। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद से इंजीनियरिंग की है। उन्होंने लॉ और ह्यूमन राइट्स की डिग्री भी हासिल की है। हालांकि, इंजीनियरिंग करने के बाद वो पुलिस सेवा में आ गए।
उनके बारे में एक रोचक तथ्य ये भी है कि उनके परिवार के अधिकांश सदस्य सिविल सेवा में ही हैं। इनके एक भाई और एक बहन इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। बहनोई राजीव कृष्ण IPS हैं और आगरा जोन के ADG हैं। इनके दूसरे बहनोई वाईपी सिंह भी IPS थे और उन्होंने भी VRS ले लिया था। राजेश्वर सिंह के पिता भी पुलिस विभाग में थे। DIG के पद से रिटायर हुए थे। राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह भी IPS अधिकारी हैं और इस समय लखनऊ रेंज की IG हैं।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवरफ्रंट घोटाला जैसे कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की थी, लेकिन 2018 में उनके खिलाफ भी जांच बैठाई गई। हालांकि जांच में कुछ नहीं मिला था। उनके सर्विस के अभी 12 साल बाकी थे लेकिन उन्होंने VRS ले लिया और राजनीति को जरिया बना समाजसेवा में उतरे है।
डॉ राजेश्वर की मां बगलामुखी में विशेष आस्था है। डॉ. राजेश्वर दतिया के पीतांबरा पीठ हर महीने दर्शन के लिए जाते हैं। फिलहाल बीजेपी के साथ खाकी का जुड़ना लगातार जारी है। इससे पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण ने भी वीआरएस लेने के बाद बीजेपी का कमल थामा और पार्टी ने उनको कन्नौज से उम्मीदवार बनाया। वहीं अब राजेश्वर सिंह को सरोजनी नगर से टिकट दिया गया है। इस तरह बीजेपी भी लगातार समाज में अच्छी छवि रखने वाले और जिम्मेदार लोगों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार कर विपक्षी दलों पर निशाना साध रही है साथ ही एक मजबूत रणनीति के तहत भी काम कर रही है।