Cabinet: कैबिनेट ने छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से UPI इंसेंटिव योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई (P2M) ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा। यह योजना 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी।इस स्कीम के तहत, 2000 रुपये तक के लेनदेन पर 0.15% की दर से इंसेंटिव दिया जाएगा। छोटे व्यापारियों को इस फैसले से डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी और नकद लेनदेन की निर्भरता घटेगी। सरकार का यह कदम डिजिटल इकोनॉमी को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 3400 करोड़ रुपये स्वीकृत
कैबिनेट ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 3400 करोड़ रुपये के संशोधित बजट को मंजूरी दी है। यह राशि वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान खर्च की जाएगी। इस मिशन का उद्देश्य देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना और पशुपालकों की आय में सुधार करना है।इस योजना के तहत, कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे मवेशियों की नस्ल में सुधार होगा और दूध उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। सरकार के इस कदम से लाखों पशुपालकों को फायदा होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
4500 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया हाईवे
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए एक नया हाईवे बनाने की मंजूरी दी है। यह हाईवे 29.21 किलोमीटर लंबा होगा और इसे छह लेन में विकसित किया जाएगा।इस परियोजना पर कुल 4,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह सड़क ‘बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो’ (BOT) मॉडल पर बनाई जाएगी। इससे महाराष्ट्र में परिवहन सुविधा बेहतर होगी और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
उत्तर पूर्व में यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला
कैबिनेट ने असम के नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के मौजूदा परिसर में एक नया यूरिया संयंत्र स्थापित करने की मंजूरी दी है। नामरूप IV फर्टिलाइजर प्लांट के बनने से उत्तर-पूर्वी राज्यों में खाद की उपलब्धता बढ़ेगी।इस संयंत्र से असम, पश्चिम बंगाल और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों को फायदा होगा। इससे किसानों को आसानी से खाद मिलेगी और कृषि उत्पादन में सुधार होगासरकार के इन फैसलों से डिजिटल लेनदेन, कृषि, पशुपालन और बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूती मिलेगी। यह योजनाएं देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।










