लखनऊ। देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को 2024 में केंद्र की कुर्सी से उतारने के लिए विपक्षी दलों ने एकजुट होकर महागठबंधन बनाया, जिसका नाम I.N.D.I.A रखा गया. इस एलायंस की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस थी, वहीं यूपी के सियासत की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा की भी महत्वपूर्णता किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों (80) वाले सूबे उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन होना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था. लेकिन अब यहीं पर कांग्रेस और सपा में बात नहीं बन रही है. सूत्रों के हवाले से खबर निकलकर सामने आ रही है कि यहां पर सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों में बात नहीं बन रही है.
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कांग्रेस की मांग 20, सपा दे रहा 17 सीटों का ऑफर
यूपी राजनीति के जानकार बताते हैं कि राज्य में कांग्रेस और सपा में सीटों की संख्या को लेकर बात नहीं बन पा रही है. जहां एक ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस को 17 सीटों का ऑफर दिया है, वहीं कांग्रेस यहां पर कम से कम 20 सीटें मांग रही है. खास बात ये है कि कुछ महत्वपूर्ण सीटों को भी दोनों दलें नहीं छोड़ना जा रही हैं, जिसकी वजह से बात बिगड़ रही है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस को वाराणसी, राजयबरेली, अमेठी, अमरोहा, गौतम बुद्ध नगर, सहारनपुर, बागपत, गाजियाबाद, महाराजगंज, कैसरगंज, सीतापुर, कानपुर, बाराबंकी, झांसी, हाथरस, सीकरी, फतेहपुर और बुलंदशहर शहर का ऑफर हुआ है.
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सपा ने घोषित किया 27 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इस आम चुनाव में यूपी राज्य का खास असर पड़ता है, दरअसल यहां से देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें निकलती हैं. 80 लोकसभा सीटों पर यूपी में चुनावी ताल ठोकें जाते हैं, जो कि निश्चित तौर पर आम चुनावों पर अपना बड़ा असर डालते हैं. यही वजह है कि विपक्षी महागठबंधन ने इस राज्य को गंभीरता से लेते हुए अपनी रणनीति बनाई थी. लेकिन विपक्षी महागठबंधन की दो सबसे महत्वपूर्ण पार्टी कांग्रेस और सपा के बीच चुनावी पेंच फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. सपा की तरफ से यहां पर अब तक कुल 27 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया हो गया है.