उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ही परिवार के आठ लोग ड्रॉप्सी नामक बीमारी से पीड़ित अस्पताल में भर्ती हैं। बता दें कि जिसमें परिवार के तीन लोगों की 30 दिन के अंदर मौत हो गई है। जबकि पांच लोगों का मेडिकल कॉलेज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में चल रहा है। मृतकों में परिवार के मुखिया समेत 11 साल की बच्ची शामिल है। जिसमें मृतक के दोनों बेटों की हालत गंभीर है औरICU वार्ड में भर्ती किया गया हैं।
जानें पूरा मामला
दरअसल, घटना मऊआइमा की है। डॉक्टरों का कहना है कि यह सभी ड्राप्सी नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। एसआरएन अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष टीम उनके इलाज में लगी है। पीड़ित परिवार मऊआइमा के जोगीपुर फतेह शाह का पूरा गांव के रहने वाले हैं। स्वस्थय विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम की मामले की जांच में जुटी है। वहीं जोगीपुर गांव के रहने वाले सहदेव के परिवार में कुल 8 सदस्य हैं। इसमें सबसे पहले 11 वर्षीय तमन्ना बीमार हो गई। हाथ और पैर में सूजन होने लगी। परिवार के लोग जब तक समझ पाते तब तक 28 जनवरी को ही तमन्न की मौत हो जाती है।
इसके बावजूद परिवार वाले यह समझ नहीं पाए कि यह कैसे हुआ? परिवार के मुखिया सहदेव और उनकी पत्नी जानकी देव भी अस्वस्थ होने लगीं। करीब 15 दिन के अंदर 12 फरवरी को इन दोंनों लोगों की मौत हो गई। इसके बाद लोग सहम गए। गांव के प्रधान ने मामले की जानकारी सीएचसी अधीक्षक को दी।सूचना पाकर सीएचसी अधीक्षक डॉ. रामकुमार वर्मा पहुंचे और वह पूरा मामला समझ गए। परिवार में पांच और सदस्य भी अस्वस्थ होने लगे। पांचों को SRN हास्पिटल में भर्ती कराया गया।
ड्रॉप्सी के लक्षण
खाद्य सुरक्षा विभाग के मुताबिक तेल से ड्रॉप्सी रोग के लक्षणों को घर में पहचाना जा सकता है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के हाथ-पैर तेजी से फूल जाते हैं। शरीर पर स्पॉचिंग और रक्तचाप काफी अनियमित हो जाता है। पाचन तंत्र और आमाशय पर असर डालता है। तेलों में मिलावट से ड्रॉप्सी रोग पनपने की संभावना जताई गई है।