Bail Impact: आज, 13 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में 156 दिनों से जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। हालांकि, इस दौरान अदालत ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को जायज ठहराया। आपको बता दें कि (Bail Impact) सीबीआई ने 26 जून को उन्हें गिरफ्तार किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दो याचिकाएँ दायर की थीं। इससे पहले वह ईडी की हिरासत में थे। हरियाणा में उनकी पार्टी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में केजरीवाल की जमानत पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक बूस्टर का काम करेगी।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है। ऐसे में चुनावी मौसम में केजरीवाल को जमानत मिलना उनके और उनकी पार्टी के लिए किसी जीवनरेखा से कम नहीं है। आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली और पंजाब में है। इनके बीच का राज्य हरियाणा है, जहां पिछले 10 सालों से भाजपा की सरकार है, लेकिन सत्ता विरोधी लहर के चलते माना जा रहा है कि इस बार हरियाणा से भाजपा की (Bail Impact) विदाई तय है। ऐसे में केजरीवाल और उनकी पार्टी इसे एक मौके के रूप में देख रही है।
पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा
पहले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और आप ने हरियाणा में गठबंधन किया था। इस बार भी राहुल गांधी ने गठबंधन की पहल की थी लेकिन हरियाणा के स्थानीय नेताओं के विरोध और सीटों के बंटवारे पर सहमति न बनने के कारण गठबंधन नहीं हो पाया। ऐसे में (Bail Impact) अब आप ने 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। हरियाणा में नामांकन का कल आखिरी दिन था। अब हरियाणा में आप की जीत की जिम्मेदारी केजरीवाल के कंधों पर आ गई है। भले ही पार्टी सीटें न जीते, लेकिन यह कांग्रेस और भाजपा, दोनों का नुकसान कर सकती है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी गठबंधन पर जोर दे रहे थे।
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इस तरह बढ़ेंगी कांग्रेस-भाजपा की मुश्किलें
आप हरियाणा में अपना समर्थन आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल की जमानत उन्हें एक मानसिक बढ़त दे सकती है। कांग्रेस भी केजरीवाल की रिहाई को लेकर चिंतित है क्योंकि आप कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। पार्टी पंजाब (Bail Impact) और दिल्ली से सटे सीटों पर अपना विशेष प्रभाव छोड़ सकती है। शहरी क्षेत्रों में आप की अच्छी पकड़ है। केजरीवाल की रिहाई भाजपा के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है।
पार्टी ने हरियाणा चुनावों में कुछ ऐसे नेताओं को टिकट दिया है जो अन्य पार्टियों से बगावत करके आए हैं। ऐसे में ये नाराज नेता चुनाव भले न जीत पाएं, लेकिन वे कांग्रेस और भाजपा का खेल जरूर बिगाड़ सकते हैं। साथ ही, आप पार्टी को हरियाणा में स्थापित होने में मदद मिलेगी।