Kolkata Case: विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्र का राज्यों को आदेश, “हर दो घंटे में भेजें रिपोर्ट “… यहाँ देखें सभी अपडेट्स

Kolkata Case: सीबीआई मामले में आरोपी की लाई-डिटेक्टर जांच की जरूरी अनुमति के लिए कोर्ट जाएगी। उधर, ममता सरकार ने डॉक्टरों की ड्यूटी पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दूसरे दिन भी आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से जांच एजेंसी ने पूछताछ की।

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Kolkata Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की 31 वर्षीय महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी व्यक्ति की आवाज की जांच और मनोविश्लेषण परीक्षण करने के लिए दिल्ली से केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की एक टीम कोलकाता भेजी गई है। वहीं, मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम मामले में जरूरी मंजूरी के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रही है। ताकि मुख्य आरोपी संजय रॉय का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जा सके।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर (Kolkata Case) से दुष्कर्म और हत्या के मामले में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले की स्थिति रिपोर्ट हर दो घंटे में केंद्र सरकार से साझा करने को कहा है।

Kolkata Case में नए बदलाव पढ़ें यहां

मामले से वाकिफ एक अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएफएसएल की टीम मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक जांच के लिए कोलकाता पहुंच गई है। यह टीम आरोपी का मनोविश्लेषण और लेयर्ड वॉयस एनालिसिस टेस्ट करेगी। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आरोपी कोई जानकारी छिपा रहा है या नहीं।

दूसरी ओर, आरजी कर अस्पताल के (Kolkata Case) पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की पूछताछ लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। शनिवार को घोष सुबह 10.30 बजे पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर पहुंचे और फिर सीबीआई ने पूछताछ शुरू की। आपको बता दें कि 9 अगस्त की रात को राज्य सरकार द्वारा संचालित आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर का शव मिला था। महिला डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर थी। उसकी हत्या के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। अगले ही दिन मामले में पुलिस ने संजय रॉय नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था।

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महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर जरुरी फैसला

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने रात्रि साथी (रात की हेल्पर्स) नाम से एक कार्यक्रम की घोषणा की है। ये हेल्पर्स रात में ड्यूटी करेंगी। सरकार का लक्ष्य इस कार्यक्रम के जरिए सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, हॉस्टल और अन्य जगहों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिए अलग से रेस्ट रूम बनाया जाएगा, जिसमें शौचालय भी होंगे। रात्रि में रात्रि साथी या महिला स्वयंसेवक ड्यूटी पर रहेंगी। अस्पताल या अन्य परिसर में महिलाओं के लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाए जाएंगे, जहां सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी।

आईएमए की प्रधानमंत्री से मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी मांग की है। कोलकाता रेप मर्डर केस के बाद शनिवार को विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों की ओर से आईएमए ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों और अस्पतालों के लिए केंद्रीय स्तर पर कानून बनाने की मांग की है। साथ ही अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है, जिसमें पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था हो।

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