Sanatan Dharma: अखिल भारतीय संत सनातन सेवा समागम संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉक्टर लक्ष्मी नारायण मालवीय ने आज एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने Sanatan Dharma की सुरक्षा के लिए संकल्प लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह बयान उस समय आया है जब समाज में विविधताएं बढ़ती जा रही हैं और धर्म के प्रति जागरूकता आवश्यक हो गई है।
हिंदुओं की एकता की आवश्यकता
डॉक्टर मालवीय ने कहा कि जब हम एकजुट होकर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने का काम करेंगे, तभी हम सही मायनों में तरक्की कर सकेंगे। उनका मानना है कि हिंदू समाज Sanatan Dharma में वर्तमान समय में जो विघटन और मतभेद देखे जा रहे हैं, उन्हें समाप्त करना अति आवश्यक है।
मुस्लिम काल की इतिहास की छाया
उन्होंने आगे कहा कि मुगल शासन काल से ही “फूट डालो और शासन करो” की नीति अपनाई गई है, जिसका सीधे परिणाम हिंदू समाज पर पड़ा है। इस नीति को अपनाने के फलस्वरूप, हिंदुस्तान में कई मंदिरों को तोड़ा गया और हिंदुओं के साथ क्रूरताएँ की गईं, जो आज भी जारी हैं। यह ऐतिहासिक सच हमें याद दिलाता है कि हमें अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए।
नशापान और अंधविश्वास का विरोध
डॉक्टर मालवीय ने समाज में व्याप्त नशापान और अंधविश्वास के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है और शिक्षा के प्रति हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। एक जागरूक समाज ही अपने उज्जवल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
बच्चों को अपने Sanatan Dharma की जानकारी देना जरूरी
उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने बच्चों को अपने धर्म और संस्कृति के बारे में जानकारी देना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आने वाले समाज का भविष्य उज्जवल हो, जिससे हम अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा कर सकें और सुरक्षित रह सकें।
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डॉक्टर लक्ष्मी नारायण मालवीय का यह बयान समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी और प्रेरणा का स्रोत है। सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लेना आज की आवश्यकता बन चुका है, ताकि हम सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा दे सकें और एक समृद्ध एवं सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।