कानपुर ऑनलाइन डेस्क। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी व पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने सीसामऊ सीट पर प्रचंड जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के कैंडीडेट सुरेश अवस्थी को हराकर अपनी विरासत को बरकरार रखा। नसीम सोलंकी के ससुर हॉजी मुस्ताक सोलंकी आर्यनगर से दो विधायक रहे। पति इरफान सोलंकी सीसामऊ सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। हॉजी मुस्ताक सोलंकी ने 90 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फार्मूले BMD (ब्राम्हण, मुस्लिम दलित) को अपनाया, जिसका जादू 2024 में भी देखने को मिला। सपा को मुस्लिम मोहल्लों के साथ ही हिन्दू टोलों में भी वोट मिले। जबकि बीजेपी को मुस्लिम इलाकों के दर्जनों बूथों पर खाता तक नहीं खोल पाई।
नसीम सोलंकी को कुल 69,714 वोट मिले
सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही। शनिवार को मतगणना में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। सीसामऊ उपचुनाव में कुल 1,32,973 मतों की गणना की गई। जिसमें सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को 69,966 व 48 पोस्टल वोट मिलाकर कुल 69,714 वोट मिले। जबकि बीजेपी उम्मीदवार सुरेश अवस्थी को 61037 और 113 पोस्टल बैलेट मिलाकर कुल 61,150 मत मिले। बसपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार को 1409 मत और एक पोस्टल मत मिलाकर कुल 1410 वोट मिले। नसीम, हॉजी मुस्ताक सोलंकी परिवार की तीसरी सदस्य हैं, जो चुनावी राजनीति में उतरीं। अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता सुरेश अवस्थी को हराकर इतिहास रच दिया। नसीम सोलंकी को मुस्लिम टोलों में बंफर वोट मिले तो हिन्दू मोहल्लों में भी उन्हें जनता ने निराश नहीं किया।
जानें मुस्लिम मोहल्लों में किसे कितने मिले वोट
सीसामऊ सीट के मुस्लिम मोहल्ले में हलीम मुस्लिम इंटर व डिग्री कॉलेज है। यहां पर बूथ बनाए गए और वोटिंग हुई। दोनों कॉलेज में कुल 2465 वोट पड़े। बीजेपी को सिर्फ 125 वोट मिले। वहीं सपा को 2233 वोट मिले। कुछ ऐसा ही हाल जीजीआईसी व जीआईसी का रहा। यहां पर 12364 वोट पड़े। जिसमें बीजेपी 248, जबकि सपा को 12078 वोट मिले। मुस्लिम जुबली गर्ल इंटर गर्ल्स कॉलेज में 6219 वोट पड़े। जिसमें बीजेपी 270 तो सपा को 5811 वोट मिले। तातिमुल इस्लाम स्कूज बेकनगंज में कुल 4551 वोट पड़े। बीजेपी को सिर्फ 27 वोट मिले। जबकि सपा को 4499 वोट मिले।
हिन्दू इलाके में किसे कितने मिले वोट
सीसामऊ सीट के हिन्दू बाहूल्य इलाके के हरसहाय इंटर कॉलेज में 7132 वोट पड़े। जिसमें बीजेपी 5920 तो वहीं सपा को 1081 मिले। गुरूनानक इंटर कॉलज में 4548 वोट पड़े। जिसमें बीजेपी को 3512 तो वहीं सपा को 932 वोट मिले।भारतीय विद्यालय आचार्य नगर में 8790 वोट पड़े। बीजेपी को 6549 तो वहीं सपा को 1991 वोट मिले। कुछ ऐसा ही हाल दयानंद हसमुखू गर्ल्स कॉलेज का रहा। यहां पर कुल 4165 वोट पड़े। जिसमें बीजेपी 2798 को तो वहीं सपा को 1230 वोट मिले।
इन बूथों पर बीजेपी को मिले जीरो वोट
बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को बूथ संख्या 52, बूथ संख्या 169 और बूथ संख्या 175 में शून्य वोट मिले। बूथ 169 में कुल 517 वोट पड़े हैं। जिसमें 515 वोट सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को, एक वोट बसपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार को और एक वोट नोटा को मिला है। बूथ 175 में कुल 477 वोट पड़े हैं। 476 नसीम को और एक वोट बसपा को मिला। बूथ संख्या 52 में भी बीजेपी खाता नहीं खोल पाई। यहां भी सपा की साइकिल दौड़ी। बीजेपी को 275 बूथ में से 62 बूथ पर दहाई अंक में भी वोट नहीं मिले हैं।
इन बूथों पर बीजेपी को नहीं चला जादू
बीजेपी को 48 में चार वोट, 49 में दो वोट, 51 में एक वोट, 52 में 0 वोट, 53 में चार वोट, 54 में पांच वोट, 55 में सात वोट, 56 में तीन वोट, 57 में पांच वोट, 58 में सात वोट, 59 में नौ वोट, 60 में एक वोट मिला है। बूथ 61 में आठ, 62 में दो, 64 में नौ, 66 में छह, 67 में सात, 68 में सात, 72 में पांच, 82 में आठ, 83 में दो, 84 में पांच, 86 में आठ, 87 में तीन, 88 में चार, 89 में पांच, 90 में एक, 91 में दो, 92 में छह, 93 में सात, 94 में दो, 95 में पांच, 96 में नौ, 97 में दो, 98 में तीन वोट मिले हैं।
इन बूथों पर भी बीजेपी का मीटर रहा डाउन
बीजेपी को बूथ 99 में तीन, 102 में पांच, 103 में चार, 104 में दो, 105 में छह, 106 में एक, 107 में तीन, 108 में एक, 109 में पांच, 110 में छह, 111 में तीन, 115 में सात, 116 में चार, 117 में छह, 118 में पांच वोट मिले हैं। 170 में चार, 171 में दो, 173 में एक, 174 में दो, 176 में तीन, 177 में सात, 185 में सात, 195 में पांच मत मिले हैं। ये सभी बूथ मुस्लिमों के साथ दलित इलाकों में थे। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां मुस्लिम के साथ दलित भी नसीम के साथ रहे।
हाजी मुस्ताक तीन बार चुने गए विधायक
हाजी मुश्ताक सोलंकी ने 1996 में पहली बार आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र से 40.84 प्रतिशत वोट हासिल कर सियासत मेंं कदम रखा था। उन्होंने तब बीजेपी के सत्यदेव पचौरी को हराया था। इसके बाद वह तीन बार विधायक रहे। हाजी मुश्ताक जहां सभी वर्ग और समाजों के बीच लोकप्रिय थे। हाजी मुश्ताक, उस सीट से तीन बार विधायक चुने गए, जहां पर ब्राम्हण-दलित वोटर्स की संख्या मुस्लिमों से ज्यादा थी। जानकार बताते हैं कि हॉजी मुस्ताक सोलंकी ने मुलायम सिंह की सियासी पाठशाला से राजनीति सीखी तो वह इंदिरा गांधी के बहुत बड़े प्रशंसक थे।
इंदिरा गांधी का ‘बीएमडी’ फार्मूला
उस वक्त इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट पर ब्राह्मण, मुस्लिम और दलिता का गठजोड़ बनाया। इसे नाम दिया गया ‘बीएमडी’ फॉर्मूला। यह प्रयोग एक ओर जहां रायबरेली में सफल रहा तो वहीं देश भर में इसकी धमक देखने को मिली। हॉजी मुस्ताक सोलंकी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के फार्मूले बीएमडी को अपना सियासी हथियार बनाया। जिसके बाद वह कभी सियासी पिच पर आउट नहीं हुए। इरफान सोलंकी भी पिता के बनाए फार्मूले को अपनाया और तीन बार विधायक चुने गए।
इरफान सोलंकी का दबदबा
वर्ष 2012 में नए परिसीमन के तहत सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र बना। इरफान सोलंकी का इस सीट पर खासा दबदबा रहा है। 2012 के विधानसभा चुनाव में इरफान सोलंकी को 56,496 वोट मिले। बीजेपी के हनुमान स्वरूप मिश्रा 36,833 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे इरफान सोलंकी को 79,163 वोट मिले थे। बीजेपी उम्मीदवार सलिल बिश्नोई 66,897 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। 2017 में इरफान सोलंकी को 73,030 वोट मिले थे। बीजेपी के सुरेश अवस्थी 67,204 वोट मिले थे।
सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर्स
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 1 40 000 है। इसके बाद ब्राह्मण वोटर करीब 80 हजार हैं। तीसरे स्थान पर दलित वोटर आते हैं और उनकी संख्या करीब 70 हजार है। कायस्थ 26 हजार, सिंधी एवं पंजाबी 6 हजार, क्षत्रिय 6 हजार और अन्य पिछड़ा वर्ग 12,411 वोटर बड़ी भूमिका निभाते हैं। जानकार बताते हैं कि नसीम को इस चुनाव में ब्राम्हण, दलित समाज के वोट भी मिले। नसीम चुनाव प्रचार के वक्त भगवान शिव के मंदिर में माथा टेका था।
1991 में पहली बार जीती बीजेपी
सीसामऊ विधानसभा सीट पर पहली बार 1985 में बीजेपी ने छवि लाल को टिकट दिया, पर उन्हें हार मिली। 1989 में पन्ना लाल तांबे को चुनाव के मैदान में उतारा और वह तीसरे नंबर पर रहे। बीजेपी ने 1991 में चुनाव में राकेश सोनकर को टिकट दिया और वह विधायक चुने गए। राकेश सोनकर ने 1993 और 1996 में लगातार दो और जीत हासिल कीं। इसके बाद लगातार दो बार 2002 और 2007 में कांग्रेस के संजीव दरियाबादी ने बीजेपी प्रत्याशियों को हराया।