केंद्र सरकार ने PFI और उससे जुड़े संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। PFI पर छापेमारी के बाद देशभर में काफी हंगामा देखने को मिला था। हाल ही में सहारनपुर से बसपा के सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने इसे लेकर एक बयान दिया है। सांसद हाजी ने इसे बैन करने पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हमारे हिंदुस्तान में जम्हूरियत का बोलबाला है। जिसके चलते हर किसी को अपनी बात उठाने का हक है। मुझे लगता है कि शायद सरकार को ऐसा लगता हो कि PFI सियासी तौर पर नुकसान दे सकती है। शायद इसलिए सरकार ने उन्हें बैन किया है।
जांच के बाद मासूम साबित होते हैं
लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि इसे बैन करने की हम निंदा करते हैं, और उम्मीद करते हैं कि हर किसी को जम्हूरियत में अपनी बात कहने का बराबर मौका मिलेगा। इनको भी यह मौका मिलना चाहिए ताकि यह अपनी बात कह सकें। PFI के कार्यकर्ताओं पर छापों के दौरान पकड़े गए PFI के सदस्यों के सवाल पर कहा कि इस तरह का कोई भी सबूत सामने नहीं आया की जिनसे लगे की ये लोग है।
हमारी मौजूदा सरकार के जो मुखालिफ लोग हैं उनको जेल में डालने का काम किया जा रहा हैं। जबकि अधिकतर लोग ऐसे है जो जांच के बाद मासूम साबित होते हैं। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता पाता। लेकिन क्या कर सकते है हमारी मौजूदा सरकार इसी पैटर्न पर चल रही है।
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