यूपी एसटीएफ गिरफ्त में आए संजय शेरपुरिया की कहानी किसी फिल्मी किरदार नटवरलाल से कम नहीं है, उसने न केवल हजारों युवाओं, अफसरों को ठगा बैंकों को चूना लगाया, बल्कि टिकट दिलाने के नाम पर नेताओं को भी नहीं बख्शा उनसे भी करोड़ों वसूल लिए।
यूपी पुलिस की जांच में खुल रही परते
यूपी एसटीएफ ने ठगी और जालसाजी में गिरफ्तार संजय शेरपुरिया से रिमांड पर लेकर काफी पूछताछ की हालांकि पूछताछ के दौरान यूपी पुलिस उसको दिल्ली स्थित उसके ठिकाने और गुजरात भी ले गई। जहां से उसने अपना व्यापार शुरू किया था, जिसमें उसके करीबियों और उसके जानने वालों से भी पुलिस ने पूछताछ की और कोशिश की कि संजय शेरपुरिया के बारे में सभी जानकारी जुटाई जाए।
गुजरात से महाठग शेरपुरिया ने शुरू किया था काम
शेरपुरिया ने यूपी पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि वह व्यापार के जरिए नामचीन लोगों में शामिल होना चाहता था, इसलिए वह असम से गुजरात आया वही उसने गुजरात के एक होटल में उसने वेटर बन काम करना शुरू किया, फिर शेरपुरिया ने यह भी बताया कि कैसे वह एक वेटर से करोड़पति बन गया।
गुजरात में होटल के वेटर से शुरू किया काम बन गया करोड़पति
पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजय शेरपुरिया ने पूछताछ में बताया एक समय ऐसा भी था जब उसके पास फीस भरने तक के पैसे नहीं थे, जिस पर उसने गुजरात के होटल में वेटर की नौकरी शुरू की बाद में होटल मालिक की बेटी के साथ दोस्ती बढ़ाकर उससे शादी कर ली और उसके बाद वह होटल का मैनेजर बन गया जिसके बाद वह लगातार आगे बढ़ता गया साथ ही पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में उसने कंपनी खोली जिसमें बड़े पैमाने पर उसको मुनाफा हुआ फिर उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उसके बाद वह जालसाजी की दुनिया में उतरा और फिर ठगी का काम शुरू कर दिया पूछताछ में उसने यह भी बताया कि उसकी कंपनियों को लगातार घाटा हो रहा था जिसके बाद वह गुजरात से दिल्ली की रुख कर गया दिल्ली में भी डिफाल्टर होने के बाद वह यूपी आ गया।
बैंक का भी 395 करोड़ का डिफाल्टर है शेरपुरिया
गुजरात में उसने कई शेल कंपनियां बनाई इन कंपनियों के जरिए उसने बड़े पैमाने पर लेनदेन किया, साथ ही एसबीआई से भी 349 करोड़ 12 लाख का लोन लिया और इस लोन को अदा नहीं किया जिसके बाद वह डिफाल्टर घोषित हो गया और वह गुजरात से भागकर दिल्ली आ गया जहां पर उसने अपना काम शुरू किया
जालसाजी से खुद की कंपनियों को कर दिया दिवालिया घोषित
संजय शेरपुरिया ने एसबीआई से 349 करोड़ का लोन लेने के बाद खुद के व्यापार में नुकसान की बात कहकर कंपनियों को दिवालिया घोषित कर लिया, बैंकों के नोटिस पर जवाब नहीं दिया, जिसके बाद वह डिफाल्टर हो गया हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है शेरपुरिया की पत्नी कंचन दिल्ली में रहकर अभी भी उसकी पैरवी में लगी है
गुजरात से लेकर मुंबई दिल्ली दुबई तक खोल रखे थे ऑफिस
सूत्रों के अनुसार पुलिस पूछताछ में संजय शेर पुरिया ने बताया कि लोगों को झांसे में लेने और अपनी धाक जमाने के लिए उसने गुजरात के अलावा दिल्ली मुंबई और दुबई तक अपने ऑफिस खोल रखे थे जिनके सहारे लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते थे और वह उनसे रकम वसूल लेता था हालाकी उसने अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर नेताओं को टिकट दिलाने जाटों को खत्म कराने नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी की है जिसको लेकर यूपी पुलिस जांच में जुटी है उसके आर्थिक साम्राज्य की जानकारी आने के बाद अब ईडी भी सक्रिय हो गई है हालांकि यूपीएसटीएफ की गिरफ्तारी से पहले ही केंद्रीय एजेंसियों ने यूपी एसटीएफ के साथ जानकारी साझा की थी
वीवीआईपी इलाकों में रहने के साथ ही बड़े नेताओं के साथ लगाता था फोटो
संजय शेरपुरिया अपने पिता के दोस्त के जरिए दिल्ली के राइडिंग क्लब में रहने के लिए आलीशान बंगला पा गया जहां पर उसने अपना ऑफिस भी बना दिया जिसके जरिए लोगों को झांसे में लेने के लिए वह यही मिलता था, उसने इस बंगले में प्रधानमंत्री से लेकर बड़े नेताओं और नामचीन लोगों के साथ अपनी तस्वीरों की गैलरी भी बना रखी है ताकि लोग उसके झांसे में आ जाए
ईडी भी रिमांड लेने के प्रयास में जुटी
यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ की पूछताछ में कई तथ्य निकलकर सामने आए हैं, संजय शेरपुरिया ने किस तरीके से करोड़ों की ठगी की बड़े पैमाने पर उसके खातों पर लेनदेन हुआ यहां तक कि उसके यूथ फाउंडेशन के खाते पर 6 करोड़ रुपए आए सूत्रों के अनुसार पूछताछ में संजय शेरपुरिया ने बताया कि यह पैसा उसे गौरव डालमिया जो कि उद्योगपति हैं उनकी एक ही जांच को खत्म कराने के लिए डील के रूप में दिया था, हालांकि यूपी एसटीएफ के बाद अब ईडी ने पूरी केस डायरी ली है ईडी उन नेताओं की भी तलाश कर रही है उनसे भी पूछताछ की कोशिश में है जो उसके लगातार संपर्क में थे तथा जिन से उसने बड़े पैमाने पर टिकट दिलाने के नाम पर पैसे भी वसूले हैं साथ ही साथ उसके शिकार बड़े पैमाने पर उसके गृह जनपद गाजीपुर के युवा भी हुए हैं जिन को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की गई, हालांकि पहले भी कई बार शिकायतें हुई लेकिन उसके राजनैतिक रसूख के चलते उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी
गिरफ्तारी के दौरान शेरपुरिया के पास मिले दो आधार कार्ड और एक वोटर कार्ड
संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के समय उसके पास से दो आधार कार्ड बरामद हुए, दोनों गुरुग्राम के बने हुए हैं, जिसमें से एक में उसका नाम संजय शेरपुरिया तो दूसरे में संजय प्रकाश है साथ ही एक दिल्ली के पते का वोटर कार्ड भी मिला है जिसको लेकर भी पुलिस जांच में जुटी है
मनी लांड्रिंग और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के भी आरोप
बड़े नेताओं और नामचीन लोगों के साथ फोटो शेयर करने के बाद केंद्रीय एजेंसियां लगातार उस पर नजर बनाए हुए थे हालांकि उसने कई शेल कंपनियां बना रखी थी जिनके जरिए बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ उसके पास दो अलग-अलग आधार कार्ड और अलग-अलग आईडी मिली है जिनसे एजेंसियों को यह भी शक है कि वह मनी लांड्रिंग के साथ ही टैक्स चोरी भी कराने में शामिल रहा है हालांकि उसके कई कंपनियों के अलग-अलग अकाउंट पर बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन हुए हैं जिनको लेकर ईडी जल्द ही उसको रिमांड लेने की तैयारी कर रही है उसके सहयोगी कासिम से पूछताछ में भी यूपी पुलिस को कई तथ्य पता चले हैं जो यूपी पुलिस ने ईडी के साथ साझा किए हैं अब वीडियो को रिमांड पर लेने के साथ ही उसके नेताओं से संपर्क और अफसरों को भेजी गई रकम को लेकर पूछताछ करेगी