यूपी पंचायत चुनाव से पहले जोरो पर बीजेपी की तैयारियां, 10 हजार कार्यकर्ताओं की होगी नियुक्ति

उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी से तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है।

UP Panchayat Chunav

UP Panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी से तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के बाद पार्टी करीब 10,000 कार्यकर्ताओं और नेताओं को सरकार में समायोजित करने की योजना बना रही है।

निगम-आयोग में मिलेगी नियुक्ति

प्रदेश सरकार के विभिन्न आयोगों और बोर्डों में राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम, अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त विकास निगम समेत कुल 12 ऐसे आयोग और बोर्ड हैं जहां नियुक्तियां की जानी हैं। बीते साल जुलाई में ही इन नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। एससी आयोग, ओबीसी आयोग, महिला आयोग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बाल संरक्षण बोर्ड और सहकारी संस्थाओं में 200 से अधिक कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया गया था लेकिन बीच में यह प्रक्रिया रोक दी गई थी। अब इसे फिर से शुरू करने की तैयारी है।

नगर निकायों में भी होगा समायोजन

बीजेपी की योजना (UP Panchayat Chunav) के तहत 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 490 नगर पंचायतों में भी नियुक्तियां की जाएंगी। इन निकायों में कुल 5,000 से अधिक सभासदों और पार्षदों को मनोनीत किया जाएगा। पार्टी ने जिलों से नामों की सूची मांगनी शुरू कर दी है और जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी होने के बाद इन नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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 नियुक्ति के बाद मिलेगी ये सुविधाएं?

राजनीतिक नियुक्तियों के तहत आयोगों और बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को 20,000 से 50,000 रुपये तक का मासिक मानदेय मिलेगा। कुछ आयोगों में अध्यक्ष और सदस्यों को शासन के प्रमुख सचिव के वेतन के बराबर मानदेय भी दिया जाता है। इसके अलावा लखनऊ में टाइप-4 और टाइप-5 के सरकारी आवास, वाहन और सुरक्षा गार्ड की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में मनोनीत पार्षदों की संख्या कुल पार्षदों की संख्या के 10% तक होती है।

किन लोगों को मिलेगा मौका?

पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए पूर्व अधिकारी, अन्य दलों से आए नेता, पूर्व विधायक और सांसदों को इन नियुक्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा वर्षों से पार्टी के लिए समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ताओं, चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं और नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं को भी समायोजित किया जाएगा।

बीजेपी का लक्ष्य पंचायत चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करना और पार्टी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान देना है। पार्टी ने सदस्यता अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को भी इस समायोजन प्रक्रिया में शामिल करने की योजना बनाई है। आगामी महीनों में इन नियुक्तियों पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

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