Uttar Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने हथियार लाइसेंस मामले में माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के बेटे और समाजवादी पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) की जमानत मंजूर कर ली है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब्बास पर शूटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने का झूठा दावा करके विदेशी बंदुकें खरीदने का आरोप लगाया था. इसके अलावा यूपी पुलिस ने दावा किया है कि अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) कई आपराधिक मामलों में फंसा हुआ है.
आर्म्स लाइसेंस केस में मिली जमानत
अदालत की कार्यवाही के दौरान अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 2015 में लाइसेंस लेने के लिए विभाग द्वारा एक विशिष्ट पहचान संख्या जारी की गई थी. उन्होंने तर्क दिया कि एफआईआर में उल्लिखित घटना अब्बास के जन्म से पहले हुई थी और दूसरी एफआईआर में अब्बास उस समय केवल 6 वर्ष का था. इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने दलील दी कि अब्बास अंसारी ने प्राधिकरण को सूचित किए बिना दो लाइसेंस हासिल किए गए है. इस विशेष मामले में जमानत दिए जाने के बावजूद, मुख्तार के बेटे अब्बास कैद में रहेंगे क्योंकि वह कई अन्य कानूनी मामलों में शामिल हैं.
विदेशी बंदुक का था मामला
अब्बास अंसारी पर लखनऊ पुलिस को सूचित किए बिना शस्त्र लाइसेंस नई दिल्ली स्थानांतरित करने का आरोप है. इसके अलावा उन पर एक ही लाइसेंस का उपयोग करके धोखाधड़ी से कई हथियार प्राप्त करने का आरोप है.
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12 अक्टूबर, 2019 को लखनऊ पुलिस द्वारा अब्बास अंसारी के खिलाफ विदेशी बंदुक लाइसेंस के संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था. जांच के बाद पुलिस ने धारा 467, 468, 471, 420 और शस्त्र की धारा 30 का हवाला देते हुए अदालत में चार्जशीट दायर की थी.