कानपुर। देशभर में हर्षोउल्लास के साथ हनुमान जयंती पर्व मनाया जा रहा है। भगवान हनुमान जी के मंदिरों में सुबह से भक्तों की कतारें लगी हैं और श्रीराम भक्त के जयकारों की गूंज हरतरफ सुनाई दे रही है। कुछ ऐसा ही नजारा कानपुर के एतिहासिक पनकी हनुमान मंदिर का है। यहां देरशाम से भक्तों के आने का सिलसिला जारी है। हनुमान जी के दर्शन करने के लिए विदेश से भी भक्त आते हैं। पनकी हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ये 400 वर्ष प्राचीन है। मंदिर में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति दिन में तीन बार बार रूप बदलती है। दिग्गज फिल्म एक्टर अनुपम खेर भी इस मंदिर में आकर दर्शन कर चुके हैं। अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम पर भी हनुमान मंदिर का एक वीडियो शेयर कर इसके पौराणिक महत्व के बारे में जानकारी दी थी।
जानें पनकी हनुमान मंदिर का इतिहास
पनकी मंदिर के महंत कृष्ण दास महाराज ने बताया कि यह मंदिर चमत्कारी है। मंदिर करीब 1000 वर्ष पुराना है और इसकी स्थापना श्री 1008 महंत गंगादास जी ने की थी। महंत बताते हैं कि श्री 1008 महाराज जी चित्रकूट से कानपुर आ रहे थे। जब उनका काफिला पनकी के पास पहुंचा तो उन्हें तब उन्हें पनकी में एक चट्टान दिखाई दी थी। जिस पर बजरंगबली का स्वरूप देखा जा रहा था। जिसके बाद उन्होंने वहां पर मंदिर निर्माण करने का फैसला किया। हनुमान जयंती पर्व पर करीब पांच लाख भक्त पनकी मंदिर पहुंचते और हनुमान जी के दर पर हाजिरी लगाते हैं। भक्त देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आते हैं। हनुमान जयंती पर मंदिर परिसर की सुरक्षा-व्यवस्था तगड़ी रहती है। करीब दो हजार पुलिसबल के जवान मंदिर में तैनात किए जाते हैं। सीसीटीवी और द्रोन के जरिए पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखती है।
हनुमान जी की मुर्ति दिन में तीन बार रूप बदलती है
मंदिर के महंत बताते हैं कि इस पंचमुखी हनुमान मंदिर में मां सीता का भी वास है। मंदिर में भक्तों को प्रातः काल में हनुमान जी के बाल्यावस्था के दर्शन प्राप्त होते हैं। इसी तरह दोपहर में हनुमान जी के दूसरे स्वरूप के दर्शन प्राप्त होते हैं। वहीं रात्रि काल में तीसरे स्वरूप के दर्शन। तीनों ही पहर राम भक्त हनुमान के दर्शन करने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगती है। महंत बताते हैं कि पनकी मंदिर में विराजमान हनुमान जी की मुर्ति दिन में तीन बार रूप बदलती है। जिसके रहस्य को आज तक कोई नहीं जान पाया। मंदिर के महंत ने बताया कि मंदिर में साल भर भारी भीड़ रहती है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मंदिर आता है और कुछ मांगता है तो उसकी मनोकामना पूरी होती है। कामना की पूर्ति के लिए इस हनुमान मंदिर की काफी प्रसिद्धि है और दूर-दूर से लोग, यहां तक कि विदेशों से भी दर्शन करने के लिए आते हैं।
हनुमान मंदिर में दर्शन कर चुके हैं अनुपम खेर
मंदिर के महंत ने बताया कि इस बार हनुमान जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। देर रात 1 बजे मंगला आरती और सवा मन लड्डू का भोग लगने के बाद भक्तों के लिए कपाट खोल दिए गए और मध्य रात्रि 12 बजे पूजा अर्चना के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। बता दें कि फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर अनुपम खेर भी कानपुर के इस पनकी हनुमान मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर हनुमान मंदिर का एक वीडियो शेयर कर इस मंदिर के पौराणिक महत्व के बारे में बताया था। उन्होंने इस मंदिर को लेकर सभी भक्तों को वीडियो के माध्यम से विस्तृत जानकारी भी दी थी।
हनुमान मंदिर के विशेषता के बारे में बताया
दरअसल, अनुपम खेर ने कहा था कि वह एक अनोखी सीरीज बनाएंगे, इसमें वह देश के 21 हनुमान मंदिरों की झलक दिखाएंगे। इन मंदिरों के इतिहास के साथ ही वह उनके महत्व के बारे में भी जानकारी देंगे। इसी कड़ी में उन्होंने सीरीज के पहले भाग में कानपुर के पनकी हनुमान मंदिर के विशेषता के बारे में बताया है। अनुपम खेर ने बताया कि 1000 वर्ष पुराना पनकी पंचमुखी हनुमान मंदिर में मां सीता का भी वास है। मां सीता पर हनुमान जी की विशेष भक्ति थी और मां सीता भी हनुमान जी को अपना पुत्र मानती थीं। मंदिर में साल भर भारी भीड़ उमड़ती है और भक्तगण बड़ी संख्या में पंचमुखी हनुमान जी की दर्शन को पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मंदिर आता है और प्रभु से कुछ मांगता है, वह उसे जरूर मिलता है।